Google Antigravity AI Powered IDE | Google Antigravity: Plans, Setup और Power Features
18 नवंबर 2025 को गूगल ने गूगल एंटीग्रेविटी को लॉन्च किया, जो जेमिनी 3—गूगल का सबसे एडवांस मल्टीमॉडल एआई मॉडल—से संचालित एक “एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म” है। Google Antigravity विजुअल स्टूडियो कोड (VS Code) का फोर्क है, लेकिन “एजेंट-फर्स्ट” दर्शन पर बना, जहां एआई एजेंट्स कोडिंग का केंद्र हैं।
इस टूल का नाम “Antigravity” इसलिए रखा गया है क्योंकि इसका उद्देश्य डेवलपर्स के कंधों से बोरिंग और भारी कामों (Gravity) का बोझ हटाना है, ताकि वे क्रिएटिविटी की ऊंचाइयों पर उड़ सकें।
Google Antigravity आखिर है क्या है?
Google Antigravity एक नया AI-powered IDE (Integrated Development Environment) है। जो सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को एआई एजेंट्स के माध्यम से स्वायत्त रूप से कोडिंग, टेस्टिंग और टास्क मैनेजमेंट करने की सुविधा देता है। यह “Agent-First” प्लेटफॉर्म है, जो जेमिनी 3 प्रो मॉडल पर आधारित है।
18 नवंबर 2025 को गूगल ने इसे लॉन्च किया, जो जेमिनी 3—गूगल का सबसे उन्नत मल्टीमॉडल एआई मॉडल—से संचालित एक “एजेंटिक डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म” है। यह विजुअल स्टूडियो कोड (VS Code) का फोर्क है, लेकिन “एजेंट-फर्स्ट” दर्शन पर बना, जहां एआई एजेंट्स कोडिंग का केंद्र हैं।
पारंपरिक IDEs में, AI सिर्फ एक “साइडबार” या “छोटा हेल्पर” होता है। Antigravity में, AI पूरा इंटरफ़ेस चलाता है। यह डेवलपर्स को ‘टाइपिस्ट’ से बदलकर ‘आर्किटेक्ट’ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
‘Assistant’ और ‘Agent’ में अंतर
अब तक हम GitHub Copilot या Cursor जैसे टूल्स यूज़ करते आए हैं। वे Assistant (सहायक) की तरह काम करते हैं। इसका मॉडल “Synchronous” होता है:
- आप कोड की दो लाइनें लिखते हैं, AI अगली लाइन सुझाता है।
- आप रुकते हैं, AI सुझाव देता है।
- कंट्रोल हमेशा आपके कीबोर्ड पर होता है।
Antigravity में Agents होते हैं, जो “Asynchronous” और Autonomous (स्वायत्त) होते हैं।
- यहाँ आप कोड लिखने के बजाय Tasks (काम) सौंपते हैं, ठीक वैसे ही जैसे एक सीनियर इंजीनियर अपने जूनियर को काम सौंपता है।
- उदाहरण: आप Agent से कहते हैं: “मेरा Payment Page डिज़ाइन करो, उसमें Stripe API को इंटीग्रेट करो, और यह सुनिश्चित करो कि क्रेडिट कार्ड वैलिडेशन सही से काम कर रहा है।”
इसके बाद आप कॉफी पीने जा सकते हैं या दूसरे प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं, जबकि Agent बैकग्राउंड में ये सारे काम करता है:
- Planning & Reasoning: यह समस्या को छोटे हिस्सों में तोड़ता है (Plan बनाता है)।
- Autonomous Coding: यह फाइलें बनाता है, कोड लिखता है, और पुरानी फाइलों को एडिट करता है।
- Terminal Usage: यह ज़रूरत पड़ने पर npm packages इंस्टॉल करता है या सर्वर रीस्टार्ट करता है।
- Browser Testing (सबसे महत्वपूर्ण): यह खुद एक “Headless Browser” (या विज़ुअल ब्राउज़र) खोलकर बटन क्लिक करता है, फॉर्म भरता है और चेक करता है कि जो उसने बनाया है, वह चल भी रहा है या नहीं।
अब आते हैं तकनीकी गहराइयों में। अगर आप इसे अपनी डेली कोडिंग लाइफ का हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो इन डीटेल्स को ध्यान से पढ़ें।
Google Antigravity: फीचर्स
| विशेषता (Feature) | यह क्या है? (आसान विवरण) | आपको क्या फायदा होगा? (Benefit) |
| मिशन कंट्रोल (Mission Control) | यह आपका “मैनेजर केबिन” है। यहाँ से आप अलग-अलग AI एजेंट्स को अलग-अलग काम (जैसे एक को डिज़ाइन, दूसरे को बग फिक्सिंग) सौंपते हैं। | आप मल्टीटास्किंग कर सकते हैं। AI बैकग्राउंड में काम करता रहेगा और आप दूसरे ज़रूरी काम पर फोकस कर पाएंगे। |
| ऑटोनॉमस कोडिंग (Autonomous Coding) | यह “ऑटो-पायलट” मोड है। एजेंट खुद फाइल बनाएगा, कोड लिखेगा, टर्मिनल कमांड चलाएगा और ब्राउज़र में जाकर बटन दबाकर टेस्ट भी करेगा। | आपको बार-बार कोड एडिटर और ब्राउज़र के बीच स्विच नहीं करना पड़ेगा। मैनुअल काम खत्म हो जाता है। |
| आर्टिफैक्ट्स (Artifacts / सबूत) | जब एजेंट काम करता है, तो वह आपको सबूत देता है—जैसे स्क्रीनशॉट, वीडियो रिकॉर्डिंग या लॉग्स, यह दिखाने के लिए कि उसने क्या किया। | इससे भरोसा (Trust) बनता है। आप बिना पूरा कोड पढ़े वेरीफाई कर सकते हैं कि काम सही हुआ है या नहीं। |
| मॉडल चॉइस (Knowledge Base) | यह आपकी पसंद का दिमाग इस्तेमाल करता है। इसमें Gemini 3 Pro (डिफॉल्ट) है, लेकिन आप Claude या GPT जैसे दूसरे मॉडल भी चुन सकते हैं। | यह पर्सनलाइज्ड है। यह आपके पिछले प्रोजेक्ट्स से सीखता है और आपके पसंदीदा मॉडल पर काम करता है। |
| इंटीग्रेटेड टूल्स (Integrated Tools) | चूँकि यह VS Code पर बना है, इसलिए आपके पुराने एक्सटेंशन्स और थीम्स इसमें भी काम करेंगे। यह AWS या Google Cloud से भी जुड़ सकता है। | सीखने में आसान। आपको नया सॉफ्टवेयर चलाने की ट्रेनिंग नहीं लेनी पड़ेगी, सब कुछ जाना-पहचाना लगेगा। |
प्राइसिंग और प्लान्स (Pricing Strategy)
Google ने मार्केट को कैप्चर करने के लिए एक बहुत ही आक्रामक (Aggressive) रणनीति अपनाई है। जहाँ Cursor जैसे टूल्स के लिए $20/महीना देना पड़ता है, वहीं Antigravity ने गेम बदल दिया है।
Individual Plan:$0 / महीना (बिल्कुल फ्री)
एक्सेस: आप इसे अपने साधारण Google Account (Gmail) से लॉग इन करके फ्री में यूज़ कर सकते हैं।
मॉडल्स: आपको दुनिया के सबसे बेहतरीन मॉडल्स—Gemini 3 Pro, Claude Sonnet 4.5, और GPT-OSS—का मुफ्त एक्सेस मिलता है।
लिमिट्स: Unlimited Tab Completions और Command Requests उपलब्ध हैं। Google का कहना है कि उनकी “Rate Limits” इतनी उदार हैं कि एक सामान्य डेवलपर शायद ही कभी उन्हें हिट करेगा।
(भविष्य में, Google बड़ी कंपनियों के लिए Team और Enterprise प्लान्स लाएगा, जिनमें सिक्योरिटी और डेटा प्राइवेसी के अतिरिक्त फीचर्स होंगे, लेकिन इंडिविजुअल प्लान के फ्री रहने की उम्मीद है।)
सिस्टम रिक्वायरमेंट्स (System Requirements & Compatibility)
यह एक भारी-भरकम AI टूल है जो लोकल रिसोर्सेज का भी इस्तेमाल करता है, इसलिए हार्डवेयर सपोर्ट सीमित है। इसे डाउनलोड करने के लिए antigravity.google/download पर जाएं।
macOS: Version 12 (Monterey) या उससे नया।
महत्वपूर्ण नोट: फिलहाल यह Intel Macs (x86) को सपोर्ट नहीं करता है। आपके पास Apple Silicon (M1, M2, M3, या M4 chips) होना अनिवार्य है। यह शायद इसलिए है क्योंकि नए AI मॉडल्स को Apple के Neural Engine की ज़रूरत होती है।
Windows: Windows 10 (64-bit) या नया। (WSL2 के साथ बेहतर काम करता है)।
Linux: Ubuntu 20.04+, Debian 10+, Fedora 36+ (glibc >= 2.28)। डेवलपर्स के लिए Linux सपोर्ट पहले दिन से उपलब्ध होना एक बड़ी बात है।
Models: Antigravity का दिमाग (Under the Hood)
Antigravity की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह Model Agnostic है। यह आपको किसी एक “Walled Garden” में बंद नहीं करता।
कोर रीज़निंग मॉडल्स (Main Brains): आप चैट बॉक्स में ड्रॉपडाउन मेनू से कभी भी मॉडल बदल सकते हैं:
- Gemini 3 Pro: Google का फ्लैगशिप मॉडल। यह बड़े Context Windows (2M+ tokens) को संभालने में माहिर है, यानी यह आपके पूरे कोडबेस को एक बार में “पढ़” सकता है।
- Claude Sonnet 4.5: कोडिंग लॉजिक और जटिल आर्किटेक्चर के लिए कई डेवलपर्स का पसंदीदा। इसमें “Thinking Mode” भी है जो कोड लिखने से पहले स्टेप-बाय-स्टेप सोचता है।
- GPT-OSS: ओपन-सोर्स कम्युनिटी के मॉडल्स का सपोर्ट।
हिडन मॉडल्स (Specialized Sub-Agents): ये वो “Invisible Workers” हैं जो बैकग्राउंड में जादू करते हैं:
- Nano banana: यह एक बहुत ही दिलचस्प, छोटा मॉडल है। जब Agent को कोई डमी इमेज बनानी हो (जैसे
placeholder.png) या UI Mockup का वायरफ्रेम तैयार करना हो, तो यह मॉडल सक्रिय होता है। यह कोड के साथ-साथ विजुअल एसेट्स भी जनरेट करता है। - Gemini 2.5 Pro UI Checkpoint: यह मॉडल Browser Subagent की आँखें और हाथ है। यह HTML DOM और Accessibility Tree को समझता है, जिससे यह जान पाता है कि “Submit” बटन कहाँ है और उसे कैसे क्लिक करना है, बिल्कुल एक इंसान की तरह।
- Gemini 2.5 Flash: यह “मेमोरी मैनेजर” है। यह पुरानी बातचीत और कॉन्टेक्स्ट को याद रखता है और उसे Summarize (संक्षिप्त) करता है ताकि मुख्य मॉडल पर लोड कम पड़े।
MCP (Model Context Protocol): असली गेम चेंजर
प्रोफेशनल डेवलपर्स के लिए MCP सबसे क्रांतिकारी फीचर है। यह AI के “Hallucination” (गलत जानकारी देने) की समस्या को जड़ से खत्म करने की कोशिश करता है।
सामान्य AI को नहीं पता कि आपके प्राइवेट Database (जैसे Supabase या Neon) में कौन सी टेबल्स हैं, या आपके GitHub पर कौन से Issues ओपन हैं। इसलिए वह अक्सर गलत SQL Query लिख देता है।
Antigravity एक MCP Client के रूप में काम करता है। इसमें एक Built-in MCP Store है।
- Use Case: आप अपने PostgreSQL डेटाबेस को कनेक्ट करें। अब जब आप Agent से कहेंगे “User table से डेटा निकालो”, तो वह पहले आपके डेटाबेस का Schema पढ़ेगा, और फिर एकदम सटीक SQL Query लिखेगा जो कभी फेल नहीं होगी।
- Integrations: आप इसे GitHub, Linear, Sentry, Stripe, और यहाँ तक कि Google Drive से भी जोड़ सकते हैं।
Artifacts: भरोसा करें, पर परखें (Trust but Verify)
जब आप Agent को अपनी पूरी ऐप का कंट्रोल देते हैं, तो डर लगता है कि कहीं वह सब कुछ बिगाड़ न दे। “Artifacts” फीचर इसी डर को खत्म करता है।
- Implementation Plan (कार्यान्वयन योजना): कोडिंग शुरू करने से पहले, Agent एक विस्तृत दस्तावेज़ (Markdown फाइल) बनाता है। इसमें वह लिखता है: “मैं फाइल A में यह फंक्शन बदलूंगा, फाइल B नहीं बनाऊंगा, और फिर टेस्ट रन करूँगा।”
- Review & Iterate: यह हिस्सा Google Docs जैसा है। आप प्लान पर कमेंट कर सकते हैं: “नहीं, फाइल A को मत छेड़ो, एक नई सर्विस बनाओ।” Agent आपकी बात सुनकर प्लान अपडेट करेगा।
- Visual Proof: काम खत्म होने पर, Agent आपको Screenshots या Screen Recordings दिखाता है कि उसने ब्राउज़र में क्या टेस्ट किया। यह आपको यह विश्वास दिलाता है कि कोड सिर्फ लिखा नहीं गया है, बल्कि परखा भी गया है।
- Knowledge Base: अगर Agent कोई गलती करता है और आप उसे सुधारते हैं, तो वह उसे अपनी “Memory” में सेव कर लेता है ताकि अगली बार वही गलती न दोहराए।
Core Comparison: The Shift from “Assistant” to “Agent”
इंडस्ट्री में अभी तक हम AI Assistance के दौर में थे। Google Antigravity इंडस्ट्री को AI Agency की तरफ ले जा रहा है।
यहाँ एक विस्तृत तकनीकी तुलना (Technical Comparison) दी गई है:
| Feature / Dimension | VS Code + GitHub Copilot | Cursor (The Current Leader) | Google Antigravity (The Challenger) |
| Core Philosophy | Extension-Based: AI एक “Add-on” है जो आपके एडिटर के ऊपर चलता है। | AI-Native Editor: AI एडिटर के कोर में इंटीग्रेटेड है। यह context को गहराई से समझता है। | Agent-First IDE: यह सिर्फ कोड लिखने के लिए नहीं, बल्कि Task Execution के लिए डिज़ाइन किया गया है। |
| Interaction Model | Autocomplete & Chat: आप कोड लिखते हैं, AI सुझाव देता है। यह पूरी तरह Reactive है। | Advanced Assistance (Flow State): ‘Tab’ दबाकर कोड पूरा करना और ‘Composer’ के जरिए मल्टी-फाइल एडिट करना। यह Synchronous है। | Delegation (Asynchronous): आप Task असाइन करते हैं, और AI बैकग्राउंड में काम करता है। आप ‘Reviewer’ की भूमिका में होते हैं। |
| Execution & Runtime | None: Copilot कोड रन नहीं कर सकता। यह सिर्फ टेक्स्ट जनरेट करता है। | Limited: Cursor टर्मिनल कमांड सजेस्ट कर सकता है, लेकिन यह खुद ऐप चलाकर वैलिडेट नहीं करता। | Full Runtime Access: Agents कोड लिखते हैं, टर्मिनल में कमांड रन करते हैं, और Headless Browser में जाकर UI टेस्ट करते हैं। |
| Verification Loop | Manual: कोड जनरेट होने के बाद डेवलपर को खुद चेक करना होता है कि कोड चल रहा है या नहीं। | Manual: Cursor कोड बहुत तेज़ लिखता है, लेकिन Logic सही है या नहीं, यह आपको वेरीफाई करना होता है। | Automated (Self-Correction): अगर टेस्ट फेल होता है, तो Agent खुद कोड को डीबग (Debug) और री-राइट करता है। |
| Best Use Case | लेगेसी प्रोजेक्ट्स और एंटरप्राइज एनवायरनमेंट जहाँ सिक्योरिटी बहुत सख्त है। | Rapid Prototyping & Coding: जब आप “Flow State” में खुद तेज़ कोडिंग करना चाहते हैं। | End-to-End Feature Development: जब आप चाहते हैं कि एक पूरा फीचर (Frontend + Backend) AI खुद हैंडल करे। |
निष्कर्ष: कोडिंग से ऑर्केस्ट्रेशन की ओर (From Coding to Orchestration)
Google Antigravity केवल एक और कोड एडिटर नहीं है, बल्कि यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में आए “Agentic Paradigm Shift” (एजेंट-आधारित बदलाव) का प्रतीक है। यह टूल डेवलपर की भूमिका को मौलिक रूप से बदल रहा है—अब आप सिंटेक्स और एरर फिक्स करने वाले “कोडर” नहीं, बल्कि समाधान डिजाइन करने वाले “आर्किटेक्ट” और AI एजेंट्स को निर्देशित करने वाले “ऑर्केस्ट्रेटर” हैं।
मुख्य टेकअवे (Key Takeaways):
यह हमें ‘Flow State’ (Cursor) से निकालकर ‘Management State’ (Antigravity) में ले जाता है, जहाँ फोकस टाइपिंग पर नहीं, Execution पर है।
वर्तमान में Public Preview (फ्री) में उपलब्ध होने और Gemini 3 Pro के साथ-साथ Claude या OpenAI जैसे मॉडल्स (BYOM) को सपोर्ट करने की क्षमता इसे एक फ्यूचर-प्रूफ टूल बनाती है।
यदि आप Mac (M-Series), Windows या Linux पर हैं, तो “Autonomous Development” की क्षमताओं को परखने का यह सही समय है। यह टूल उन डेवलपर्स के लिए अनिवार्य है जो भविष्य के वर्कफ़्लो को आज ही अपनाना चाहते हैं।
