Bounce Rate Kya Hai | बाउंस रेट को कम कैसे करें?
Bounce Rate क्या है? | बाउंस रेट को कम कैसे करें? ( What is Bounce Rate? )
अगर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट की परफॉरमेंस ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। तो आपको बाउंस रेट की तरफ ध्यान जरूर देना चाहिए। यहाँ मैं SEO के महत्वपूर्ण फैक्टरBounce Rate के बारे में बता रहा हूँ। बाउंस रेट क्या है इसे कैसे घटाएं।
जी बिलकुल अपने ब्लॉग की अच्छी ट्रैफिक और इनकम के लिए आपको बाउंस रेट घटाना होगा। तो आए जाते हैं सब पहले की बाउंस रेट क्या होता है?
Bounce Rate क्या है?
बाउंस रेट ek website ki performance ka ek measure hai. Ise website par aane wale visitors ki vah percentage bataati hai jo website par ek hi page dekhne ke baad wapas chale jaate hain.
Agar ek website ki bounce rate 50% hai, to yah iska matlab hai ki website par aane wale visitors mein se 50% log ek hi page dekhne ke baad wapas chale jaate hain.
Aasan bhasha mein, bounce rate ko yah maan sakte hain ki website par aane wale visitors ki percentage jo website par ek hi page dekhne ke baad interest nahin le pate hain.
Bounce rate kam hona website ke liye achcha hota hai. Iska matlab hai ki website par aane wale visitors website mein interested hain aur unhone website par adhik time bitaya hai.
अगर इसको डिटेल में समझें, तो मान लिया आप मेरी ब्लॉग nitishverma.com के किसी भी पेज पर एक बार विजिट करते हैं और उस पेज को छोड़कर कहीं और चले जाते हैं।
उदाहरण के लिए मेरी साइट nitishverma.com का बाउंस रेट 70% है। इसका मतलब ये हुआ की हमारे साइट पर जो कुल विज़िटर हैं उनमें 70% ऐसे हैं जिन्होने हमारे साइट का कोई एक ही पेज विज़िट किया और एग्जिट हो गए।
अब आप सोच सकते हैं किसी वेबसाइट का बाउंस रेट जितना कम होगा। ये उतना ही बढ़िया होगा। जैसा की मैंने आपको बताया मेरी साइट का बाउंस रेट 70% इसकी वजह ये भी है की साइट अभी नया है और पर्याप्त पोस्ट भी नहीं है जो यूजर्स को रुकने पर मजबूर कर दे।
अगर हम आदर्श बाउंस रेट की बात करें, तो 10% से कम होता है। 10% से कम बाउंस रेट अचीव करने वाली साइट लाखो में कोई एक होती है। अगर आपकी साइट का बाउंस रेट 90% से अधिक है तो आप ये समझ की आपकी साइट पर लोगो का इंट्रेस्ट ना के बराबर है। आम तौर पर जो मीडियम लेवल की वेबसाइट्स में उनका बाउंस रेट 40% से 80% के बीच होता है।
अब आइये जानते हैं की आम तौर पर किस तरह की वेबसाइट पर कैसा बाउंस रेट आता है। यहाँ मैं कुछ आंकडे प्रस्तुत कर रहा हूं।
Types Of Websites | Bounce Rate in Percentage (%) |
Content Websites | 40-60% |
Lead Generate Websites | 30-50% |
Blogs | 70-98% |
Retail Business Websites | 20-40% |
Service Provider Websites | 10-30% |
Landing Pages | 70-90% |
मैंने आपको पहले ही बता दिया है की बाउंस रेट जितना कम होता है उतना बढ़िया होता है। ये आप भी जानते हैं की ट्रैफिक लाना थोड़ा तो आसान है लेकिन बाउंस रेट कम करना उससे मुश्किल है। क्यूंकि आपको विज़िटर्स को रोक के रखना होता है। उन अन्य पेजों पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करना होता है।
उदाहरण के लिए आपने कोई बहुत बड़ी इवेंट होस्ट की बहुत लोग आए और दरवाजे से ही लौट गए। तो क्या इवेंट होस्ट करने का फ़ायदा आपको मिलेगा? नहीं …. मजेदार कार्यक्रम हुआ तो लोग खुद ही रुकेंगे। वही ऐसा ही बाउंस रेट कम करने के लिए भी है।
तो जानते हैं की अपनी साइट के बाउंस रेट को आप कैसे कम कर सकते हैं। इसके लिए कौन से टिप्स आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
Bounce rate calculate kaise karte hain?
Bounce rate calculate karne ka formula hai:
Bounce rate = (One-page sessions / Total sessions) * 100
Yahan per:
- One-page sessions se iska matlab hai website par aane wale visitors ki vah percentage jo website par ek hi page dekhne ke baad wapas chale jaate hain.
- Total sessions se iska matlab hai website par aane wale sabhi visitors ki percentage.
Example:
Agar ek website par 100 visitors aate hain, aur 50 visitors ek hi page dekhne ke baad wapas chale jaate hain, to website ki bounce rate 50% hogi.
Bounce rate = (50 / 100) * 100
= 50
Bounce Rate Decrease Karne Ke Tips
अगर आप Google सर्च करें तो Bounce Rate Decrease करने के लिए आपको टिप्स मिलेंगे। अलग-अलग ब्लॉग पर अलग-अलग टिप्स मिलेंगे। पर मैंने कई ब्लॉग्स पर टॉपिक रिसर्च किया और अपने अनुभव के आधार पर बाउंस रेट में कम करने के टिप्स शेयर कर रहा हूं।
1. सही विज़िटर्स को पहचानें और उन्हे आकर्षित करें।
कभी भी आपका मुख्य लक्ष्य आपकी वेबसाइट पर विज़िटर्स को बढ़ाने की नहीं बाल्की टार्गेटेड ऑडियंस को आकर्षित करने की होनी चाहिए।
आप खुद तय कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति फैशन को पसंद करता है, तो टेक्नोलॉजी या खेलों की वेबसाइट देखना पसंद नहीं करेगा। इसलिए अपनी वेबसाइट पर केवल उनलोगों को टारगेट करें जो आपके website niche से संबंधित हो।
- अपने वेबसाइट के लिए सही कीवर्ड्स का चुनाव करें।
- अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर काई यूनिक कंटेंट के साथ कई पेज को बनाएं ।
- सर्च इंजन मैं शो होने के लिए बढ़िया मेटा डिस्क्रिप्शन और टाइटल लिखिए।
- आप ट्रैफिक एक्सपोजर चाहते हैं तो टार्गेटेड एडवरटाइजिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं ।
2. वेबसाइट की उपयोगिता को बेहतर बनायें
कोई भी व्यक्ति ऐसी वेबसाइट को ओपन करना पसंद नहीं करेगा जिसका इंटरफ़ेस अच्छा ना हो, या फिरजिसमें पेज या पोस्ट को ब्राउज करने का एक्सपीरियंस अच्छा ना हो।
किसी साइट की नेविगेशन अच्छी ना हो तो लोगों को उसे ब्राउज़ करें और सर्फ करने में काफ़ी समस्या होती है। आपको साइट का डिज़ाइन ऐसा रखना होगा जिसमे विज़िटर्स को आने पर पर ब्राउज़ करना अच्छा लगे।
- हुमेशा बढ़िया फोंट्स का चुनाव करें। टेक्स्ट साइज ऐसा रखें जिसे आसन से पढ़ा जा सके। उसे पढ़ने में कोई परेशानी नई होनी चाहिए।
- अपनी वेबसाइट में बहुत अधिक ब्राइट या लाइट कलर्स का इस्तेमाल न करें।
- अपनी वेबसाइट की थीम में कलर्स और विजुअल ऑब्जेक्ट्स का कॉम्बिनेशन कुछ ऐसा रखें जो विजिटर्स को अच्छा लगे।
- Responsive Website design बहुत ही जरुरी है। रेस्पॉन्सिव वेबसाइट हर तरह के डिस्प्ले साइज पर आसन से खुला होता है।
आज आपको अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली रखना बहुत ही जरुरी है। क्यूंकी मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट को आज कल डेस्कटॉप से अधिक ट्रैफिक मिला है। Google भी ऐसी वेबसाइटों को अनुशंसा करता है।
3. Page Load Time को कम करें
पेज लोड टाइम किसी भी वेबसाइट का एक बहुत महत्वपूर्ण फैक्टर है। वेबसाइट का लोडिंग टाइम कम होगा तो सर्च इंजन में भी हायर रैंक लेन में आपको बहुत मदद मिलेगी। इसके साथ ही देर से लोड होने वाली वेबसाइट बहुत बुरा एक्सपीरियंस देती है। ये भी वेबसाइट एसईओ का एक महत्वपूर्ण कारक है।
4. Quality Content प्रदान करें
क्वालिटी कंटेंट प्रदान करना किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। आप Quality Content देकर अच्छा यूजर बेस बना सकते हैं। यूजर से लोगों का आपकी वेबसाइट से लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप बना रहेगा, और आपकी वेबसाइट सफलतापूर्वक चलती रहेगी।
- इसके अलावा आपकी वेबसाइट के हर पेज में यूनिक मोटिव कंटेंट होना चाहिए।
- आपकोवेबसाइट पर लिए उचित हेडिंग और सब-हेडिंग का उपयोग करना चाहिए।
- कंटेंट में particular nicheरीडर्स को टारगेट करें और इसके लिए niche specific कीवर्ड्स का यूज करें।
- अपने वेबसाइट के कंटेंट को एरर फ्री रखें।
- अपने कंटेंट में मीडिया फाइल्स जैसे इमेज और वीडियो का भी इस्तेमाल करें।
ये कुछ ऐसे टिप्स हैं जिन्का उपयोग करें आप अपने वेबसाइट या ब्लॉग का बाउंस रेट कम कर सकते हैं। ये किसी भी ब्लॉगर या वेबसाइट के लिए बहुत जरूरी है।
ब्लॉगिंग और डिजिटल मार्केटिंग से जुड़े टिप्स या सर्विसेज के लिए आप हमारे वेबसाइट पर विजिट करते रहें। पोस्ट को शेयर किजिये जिससे दूसरों की भी मदद हो सके ।
Nice Article!
Thank You,
Keep Visiting