Medical Store या Pharmacy कैसे खोलें? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन
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यहाँ आप समझेंगे भारत में मेडिकल स्टोर कैसे खोलें? Medical Store या Pharmacy खोलने के नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, खर्चे से जुडी सभी जानकारी यहाँ मिलेगी।
भारत में दवाईयां बेचने से पहले कई रजिस्ट्रेशन और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है। भारत के फार्मेसी और हेल्थकेयर क्षेत्रों में कॉर्पोरेट और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों की संख्या में वृद्धि के कारण तेज़ी से विकास हुआ है।
कम पूंजी के साथ उद्यमी जो हेल्थकेयर क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए मेडिकल स्टोर खोलना एक अच्छा विकल्प है। सबसे पहले समझते हैं, मेडिकल स्टोर कितने प्रकर के होते है?
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2025 में मेडिकल स्टोर बिजनेस की मांग और संभावनाएँ
2025 में हेल्थकेयर इंडस्ट्री लगातार विकसित हो रही है, और मेडिकल स्टोर का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के बाद से लोग हेल्थ और मेडिसिन को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सुविधा की मांग बढ़ रही है।
- भारत में फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री 2025 तक $130 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
- सरकार की “Ayushman Bharat” जैसी योजनाएँ हेल्थकेयर सेक्टर को बढ़ावा दे रही हैं।
- टियर-2 और टियर-3 शहरों में मेडिकल स्टोर्स की बढ़ती जरूरत के कारण यह बिजनेस एक अच्छा अवसर बन गया है।
- डिजिटल हेल्थ और टेलीमेडिसिन के बढ़ते चलन के कारण मेडिकल स्टोर्स के लिए भी नई संभावनाएँ खुल रही हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन फार्मेसी का बढ़ता ट्रेंड
पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन फार्मेसी का चलन काफी बढ़ा है। PharmEasy, 1mg, NetMeds, Apollo Pharmacy जैसी कंपनियों ने ऑनलाइन मार्केट में अपनी पकड़ बना ली है। लेकिन इसके बावजूद, लोकल मेडिकल स्टोर्स की मांग बनी हुई है।
ऑफलाइन मेडिकल स्टोर क्यों जरूरी हैं?
- तत्काल दवा उपलब्ध कराना (Emergency Medicines)
- लोकल कस्टमर्स के लिए भरोसेमंद विकल्प
- डॉक्टर की पर्ची के बिना OTC (Over-the-Counter) दवाओं की सुविधा
- होम डिलीवरी और पर्सनल कनेक्शन का फायदा
मेडिकल स्टोर के प्रकार (Types of Medical Stores)
मेडिकल स्टोर खोलने से पहले यह समझना जरूरी है कि आप किस तरह की फार्मेसी शुरू करना चाहते हैं। 2025 में मेडिकल बिजनेस कई अलग-अलग मॉडल्स में उपलब्ध है, जिन्हें उनकी कार्यप्रणाली और सेवाओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
A. व्यवसाय मॉडल के आधार पर मेडिकल स्टोर के प्रकार
रिटेल मेडिकल स्टोर (Retail Pharmacy)
यह सबसे आम प्रकार का मेडिकल स्टोर होता है, जहाँ ग्राहक व्यक्तिगत रूप से आकर दवाइयाँ खरीदते हैं।
डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर दवाइयाँ बेची जाती हैं।
OTC (Over-The-Counter) दवाएँ भी बेची जाती हैं, जैसे – पेन किलर, विटामिन्स, और फर्स्ट-ऐड प्रोडक्ट्स।
छोटे शहरों और गाँवों में भी इनकी काफी मांग रहती है।
इन्वेस्टमेंट: ₹5-15 लाख
आवश्यक क्षेत्रफल: कम से कम 10 वर्ग मीटर
होलसेल मेडिकल स्टोर (Wholesale Pharmacy)
थोक में दवाइयाँ बेचने के लिए होता है, जहाँ अस्पतालों, डॉक्टरों और छोटे रिटेल मेडिकल स्टोर्स को सप्लाई दी जाती है।
इसमें बड़ी मात्रा में स्टॉक रखने की आवश्यकता होती है।
इसके लिए Wholesale Drug License (WDL) जरूरी होता है।
इन्वेस्टमेंट: ₹20-50 लाख
आवश्यक क्षेत्रफल: कम से कम 15 वर्ग मीटर
ऑनलाइन मेडिकल स्टोर (E-Pharmacy)
इंटरनेट के जरिए दवाइयाँ बेचने का प्लेटफार्म, जैसे PharmEasy, NetMeds, 1mg, Apollo Pharmacy।
ग्राहक वेबसाइट या ऐप के माध्यम से ऑर्डर कर सकते हैं।
होम डिलीवरी की सुविधा दी जाती है।
डिजिटल पेमेंट ऑप्शन, AI-Enabled Prescriptions, और Automated Inventory Systems का उपयोग किया जाता है।
इन्वेस्टमेंट: ₹5-20 लाख
लाइसेंस: ड्रग लाइसेंस + ऑनलाइन बिजनेस रजिस्ट्रेशन
हॉस्पिटल फार्मेसी (Hospital Pharmacy)
अस्पतालों के अंदर मौजूद मेडिकल स्टोर, जो विशेष रूप से अस्पताल के मरीजों और डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाइयों की आपूर्ति करता है।
इसमें सर्जिकल आइटम्स, इंजेक्शन, IV Fluids, और स्पेशल मेडिसिन्स भी शामिल होती हैं।
अस्पतालों के साथ टाई-अप करके शुरू किया जा सकता है।
इन्वेस्टमेंट: ₹10-30 लाख
आवश्यक क्षेत्रफल: अस्पताल की जरूरत के अनुसार
फ्रेंचाइज़ी मेडिकल स्टोर (Franchise Pharmacy)
पहले से स्थापित ब्रांड के साथ बिजनेस शुरू करना, जैसे Apollo Pharmacy, MedPlus, Sanjivani Pharmacy।
ब्रांड के नाम और सप्लाई चेन का फायदा मिलता है।
ट्रेनिंग और मार्केटिंग सपोर्ट भी मिलता है।
💰 इन्वेस्टमेंट: ₹8-20 लाख (ब्रांड के अनुसार अलग-अलग)
⚖️ लाइसेंस: ड्रग लाइसेंस + ब्रांड के साथ एग्रीमेंट
आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर (Ayurvedic & Homeopathic Pharmacy)
केवल आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, और प्राकृतिक दवाएँ बेचने वाले स्टोर।
कंपनियों के साथ टाई-अप कर सकते हैं, जैसे Patanjali, Baidyanath, Himalaya, Dr. Reckeweg।
एलोपैथिक दवाइयों की तुलना में कम नियम और लाइसेंसिंग आवश्यकताएँ होती हैं।
इन्वेस्टमेंट: ₹3-10 लाख
आवश्यक क्षेत्रफल: 8-12 वर्ग मीटर
B. सेवाओं के आधार पर मेडिकल स्टोर के प्रकार
24×7 इमरजेंसी फार्मेसी (24-Hour Pharmacy)
दिन-रात खुले रहने वाले मेडिकल स्टोर्स, जो इमरजेंसी दवाएँ, इंजेक्शन और लाइफ-सेविंग मेडिसिन्स उपलब्ध कराते हैं।
अस्पतालों और बड़े शहरों में इनकी अधिक मांग होती है।
स्टाफ को शिफ्ट में काम करवाना पड़ता है।
इन्वेस्टमेंट: ₹15-30 लाख
लाइसेंस: स्पेशल अप्रूवल जरूरी
स्पेशलिटी मेडिकल स्टोर (Specialty Pharmacy)
केवल एक विशेष प्रकार की दवाएँ बेचने वाला स्टोर, जैसे – कैंसर, डायबिटीज, कार्डियक, किडनी या अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएँ।
स्पेशल डॉक्टर और अस्पतालों के साथ कोऑर्डिनेट करके बिजनेस किया जाता है।
इन्वेस्टमेंट: ₹10-50 लाख
लाइसेंस: स्पेशल ड्रग लाइसेंस जरूरी
होम डिलीवरी फार्मेसी (Home Delivery Pharmacy)
बिना फिजिकल स्टोर खोले सिर्फ होम डिलीवरी सर्विस देना।
लोकल डॉक्टर और हॉस्पिटल के मरीजों को दवाइयाँ उपलब्ध कराना।
डिजिटल ऑर्डर सिस्टम और कॉल-बेस्ड ऑर्डर प्रोसेसिंग।
इन्वेस्टमेंट: ₹5-15 लाख
लाइसेंस: ड्रग लाइसेंस + लोकल परमिशन
अगर आप मेडिकल स्टोर खोलने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको यह तय करना होगा कि कौन-सा मॉडल आपके बजट, स्थान और बिजनेस प्लान के लिए सही रहेगा।
छोटे शहरों में – रिटेल मेडिकल स्टोर या आयुर्वेदिक फार्मेसी बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
बड़े शहरों में – ऑनलाइन फार्मेसी, होलसेल, या 24×7 इमरजेंसी फार्मेसी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।
कम इन्वेस्टमेंट में – फ्रेंचाइज़ी मेडिकल स्टोर लेना सही रहेगा।
स्पेशलाइज़्ड बिजनेस – स्पेशलिटी फार्मेसी से जुड़ सकते हैं।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए योग्यता और लाइसेंस
A. मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक योग्यता
भारत में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कुछ शैक्षणिक और व्यावसायिक योग्यता की आवश्यकता होती है।
फार्मेसी डिग्री/डिप्लोमा:
- D. Pharma (Diploma in Pharmacy) – 2 साल का डिप्लोमा कोर्स
- B. Pharma (Bachelor of Pharmacy) – 4 साल का डिग्री कोर्स
- M. Pharma (Master of Pharmacy) – 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स
पंजीकृत फार्मासिस्ट (Registered Pharmacist)
- अगर आपके पास खुद फार्मेसी की डिग्री नहीं है, तो आपको एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट (RPh) को हायर करना होगा।
- फार्मासिस्ट को State Pharmacy Council में रजिस्टर होना जरूरी है।
व्यापार का सामान्य ज्ञान
- दवाओं के प्रकार और उनके उपयोग की जानकारी
- स्टॉक और इन्वेंटरी मैनेजमेंट
- ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध बनाने की क्षमता
B. मेडिकल स्टोर खोलने के लिए जरूरी लाइसेंस और परमिशन
भारत में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कुछ अनिवार्य लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है।
ड्रग लाइसेंस (Drug License)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको State Drug Control Department से ड्रग लाइसेंस लेना होगा।
दो प्रकार के लाइसेंस होते हैं:
Retail Drug License (RDL) – खुदरा बिक्री के लिए
Wholesale Drug License (WDL) – थोक विक्रय के लिए
कैसे अप्लाई करें?
SUGAM Portal (CDSCO) पर ऑनलाइन आवेदन करें – https://cdscoonline.gov.in
संबंधित राज्य के ड्रग कंट्रोलर ऑफिस से संपर्क करें।
आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा करें:
फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन
दुकान का किराया समझौता (Rent Agreement) या मालिकाना हक प्रमाण
आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो
दवा भंडारण के लिए उचित व्यवस्था (AC/Refrigerator) का प्रमाण
जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration)
- यदि आपकी सालाना बिक्री ₹40 लाख से अधिक है, तो आपको GST नंबर लेना होगा।
- अप्लाई करें: https://www.gst.gov.in/
दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम लाइसेंस (Shop and Establishment Act License)
- स्थानीय नगर निगम या ग्राम पंचायत से यह लाइसेंस लेना जरूरी होता है।
फर्म रजिस्ट्रेशन (Business Registration)
- यदि आप सिंगल ओनरशिप में काम कर रहे हैं, तो प्रोप्राइटरशिप रजिस्ट्रेशन करें।
- यदि पार्टनरशिप में बिजनेस है, तो Partnership Firm या LLP (Limited Liability Partnership) रजिस्टर कराएं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) से अनुमति
- कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के लिए FDA (Food and Drug Administration) Approval लेना जरूरी हो सकता है।
C. ड्रग लाइसेंस के लिए महत्वपूर्ण नियम और शर्तें
✔ मेडिकल स्टोर में कम से कम 10 वर्ग मीटर (10 sq. meter) का क्षेत्रफल होना चाहिए।
✔ स्टोर में रेफ्रिजरेटर और एयर-कंडीशनिंग सिस्टम होना चाहिए, ताकि तापमान-संवेदनशील दवाओं को सही तरीके से स्टोर किया जा सके।
✔ दवा का विक्रय केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर किया जाना चाहिए (Prescription-Based Medicines)।
✔ नशीली दवाओं (Narcotic Drugs) की बिक्री के लिए विशेष लाइसेंस की जरूरत होती है।
✔ स्टोर के अंदर सभी जरूरी दवाओं की लिस्ट और स्टॉक रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज और स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों और लाइसेंस की आवश्यकता होती है। सरकार की ओर से कई नियम और शर्तें लागू की गई हैं ताकि केवल योग्य और प्रमाणित व्यक्ति ही यह व्यवसाय कर सकें। 2025 में फार्मेसी बिजनेस शुरू करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज और प्रक्रिया को समझना आवश्यक है।
A. मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज और लाइसेंस
ड्रग लाइसेंस (Drug License)
✅ मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सबसे जरूरी लाइसेंस ड्रग लाइसेंस होता है, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत दिया जाता है।
✅ यह लाइसेंस राज्य के ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट से प्राप्त किया जाता है।
✅ लाइसेंस दो प्रकार के होते हैं:
- Retail Drug License (RDL) – रिटेल स्टोर के लिए
- Wholesale Drug License (WDL) – थोक व्यापार के लिए
📌 जरूरी योग्यता:
- मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता के पास B.Pharm या D.Pharm की डिग्री होनी चाहिए।
- अगर खुद योग्य नहीं हैं, तो आपको एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को नौकरी पर रखना होगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration)
✅ मेडिकल स्टोर से दवाइयों की बिक्री पर GST लागू होता है, इसलिए आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
✅ यह रजिस्ट्रेशन Goods and Services Tax Act, 2017 के तहत मिलता है।
✅ अगर आपकी सालाना बिक्री ₹40 लाख से अधिक है, तो GST अनिवार्य हो जाता है।
📌 प्रक्रिया:
- ऑनलाइन आवेदन gst.gov.in पर करें
- पैन कार्ड, आधार कार्ड, बिजनेस एड्रेस प्रूफ और बैंक डिटेल्स जमा करें
- जीएसटी नंबर मिलने के बाद इनवॉइस और टैक्स फाइलिंग शुरू करें
बिजनेस रजिस्ट्रेशन और शॉप एक्ट लाइसेंस
✅ अगर आप मेडिकल स्टोर को एक कंपनी, फर्म, या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर करना चाहते हैं, तो MSME रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
✅ एकल स्वामित्व (Sole Proprietorship) के लिए शॉप एंड एस्टेबलिशमेंट एक्ट के तहत लाइसेंस लेना जरूरी है।
📌 ज़रूरी दस्तावेज:
- पैन कार्ड और आधार कार्ड (स्वामी या पार्टनर का)
- बिजनेस एड्रेस प्रूफ (रेंट एग्रीमेंट या बिजली का बिल)
- बैंक अकाउंट डिटेल्स
- मालिक की पासपोर्ट साइज फोटो
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण लाइसेंस (FSSAI License – अगर हेल्थ सप्लीमेंट बेच रहे हैं)
✅ अगर आपके मेडिकल स्टोर में हेल्थ सप्लीमेंट, प्रोटीन पाउडर, विटामिन्स, और न्यूट्रिशनल प्रोडक्ट्स बेचे जाते हैं, तो FSSAI लाइसेंस लेना होगा।
✅ यह लाइसेंस खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India – FSSAI) से मिलता है।
📌 कैसे अप्लाई करें?
- ऑनलाइन आवेदन https://foscos.fssai.gov.in/ पर करें
- फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) के रूप में खुद को पंजीकृत करें
नगर निगम ट्रेड लाइसेंस (Municipal Trade License)
✅ किसी भी प्रकार की दुकान या व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोलने के लिए नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है।
✅ इसे अपने स्थानीय नगर निगम या नगर पालिका कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
📌 जरूरी दस्तावेज:
- बिजनेस एड्रेस प्रूफ
- बिजनेस रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
- मालिक का आईडी प्रूफ
मालिकाना दस्तावेज (Ownership Documents) या किराया अनुबंध (Rental Agreement)
✅ अगर आप खुद की दुकान में मेडिकल स्टोर खोल रहे हैं, तो मालिकाना प्रमाण पत्र (Property Papers) जरूरी है।
✅ अगर आप किराए की दुकान में खोल रहे हैं, तो रेंट एग्रीमेंट की जरूरत होगी।
B. मेडिकल स्टोर खोलने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
Step 1: बिजनेस प्लान बनाएं
✅ पहले तय करें कि आप कौन सा मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं (Retail, Wholesale, Online, Franchise, Ayurvedic, आदि)।
✅ बजट, लोकेशन, और टारगेट कस्टमर को ध्यान में रखते हुए एक रणनीति तैयार करें।
Step 2: सही लोकेशन चुनें
✅ मेडिकल स्टोर ऐसी जगह होनी चाहिए, जहाँ ज्यादा ग्राहक आते हों, जैसे:
- हॉस्पिटल और क्लीनिक के पास
- भीड़भाड़ वाले बाजार
- रेजिडेंशियल क्षेत्र में (जहाँ मेडिकल स्टोर की कमी हो)
📌 दुकान के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल:
- Retail Pharmacy के लिए 10 वर्ग मीटर
- Wholesale Pharmacy के लिए 15 वर्ग मीटर
Step 3: आवश्यक लाइसेंस और दस्तावेज प्राप्त करें
✅ ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन करें (State Drug Controller Office)
✅ GST रजिस्ट्रेशन कराएं
✅ नगर निगम ट्रेड लाइसेंस लें
✅ MSME या शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन कराएं
Step 4: दवाइयों की सप्लाई और स्टॉक मैनेजमेंट करें
✅ विश्वसनीय कंपनियों और थोक विक्रेताओं से संपर्क करें, जैसे:
- Sun Pharma
- Cipla
- Ranbaxy
- Dr. Reddy’s
✅ सॉफ्टवेयर आधारित इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम (Pharmacy Management Software) का उपयोग करें।
Step 5: कर्मचारियों की भर्ती करें
✅ एक योग्य फार्मासिस्ट (B.Pharm या D.Pharm) को हायर करें।
✅ कैशियर और सपोर्ट स्टाफ को भी शामिल करें।
Step 6: मार्केटिंग और प्रमोशन करें
✅ लोकल स्तर पर बैनर, पोस्टर, और विज्ञापन लगाएं।
✅ सोशल मीडिया (Facebook, Instagram, Google My Business) पर ऑनलाइन लिस्टिंग करें।
✅ डॉक्टरों और अस्पतालों से संपर्क कर बिजनेस टाई-अप करें।
✅ डिस्काउंट और होम डिलीवरी सर्विस शुरू करें।
Step 7: मेडिकल स्टोर लॉन्च करें और संचालन शुरू करें
✅ स्टोर खोलने से पहले कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करें।
✅ ग्राहकों को बेहतरीन सेवा दें और उनका भरोसा जीतें।
✅ स्टॉक को नियमित रूप से अपडेट करें और सही तापमान पर दवाइयाँ स्टोर करें।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक योग्यताएँ (Requirements for Opening a Medical Store)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए भारत में कुछ विशेष योग्यताएँ और कानूनी आवश्यकताएँ होती हैं। बिना सही योग्यता और लाइसेंस के मेडिकल स्टोर चलाना गैरकानूनी होता है। 2025 के नियमों के अनुसार, यदि आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं, तो निम्नलिखित योग्यताएँ पूरी करनी होंगी:
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपके पास या तो खुद फार्मेसी की डिग्री होनी चाहिए या किसी योग्य फार्मासिस्ट को हायर करना होगा।
निम्नलिखित डिग्री या डिप्लोमा में से कोई एक अनिवार्य है:
Diploma in Pharmacy (D.Pharm) – 2 साल का डिप्लोमा कोर्स
Bachelor of Pharmacy (B.Pharm) – 4 साल की डिग्री
Master of Pharmacy (M.Pharm) – 2 साल का मास्टर कोर्स (आवश्यक नहीं, लेकिन फायदेमंद)
किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से D.Pharm या B.Pharm करने के बाद State Pharmacy Council में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
अगर आपके पास फार्मेसी की डिग्री नहीं है, तो आपको एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट को नौकरी पर रखना होगा।
फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन (Registered Pharmacist Requirement)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट (Registered Pharmacist) की आवश्यकता होती है।
यह फार्मासिस्ट State Pharmacy Council में पंजीकृत होना चाहिए।
अगर आप खुद फार्मासिस्ट नहीं हैं, तो किसी योग्य फार्मासिस्ट को हायर करना जरूरी होगा।
लाइसेंस के लिए फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जानकारी ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट को देनी होगी।
अगर किसी मेडिकल स्टोर का मालिक योग्य फार्मासिस्ट नहीं है, तो उसे लाइसेंस के लिए एक फार्मासिस्ट को अपने स्टोर के लिए नियुक्त करना होगा और उसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
मेडिकल स्टोर लाइसेंस की पात्रता (Eligibility for Drug License)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके लिए निम्नलिखित पात्रता होनी चाहिए:
- मेडिकल स्टोर के लिए कम से कम 10 वर्ग मीटर (100 स्क्वायर फीट) की जगह होनी चाहिए।
- थोक (Wholesale) मेडिकल स्टोर के लिए जगह 15 वर्ग मीटर होनी चाहिए।
- दुकान में सही वेंटिलेशन और तापमान नियंत्रण की व्यवस्था होनी चाहिए।
- दवाइयों को ठीक से स्टोर करने के लिए फ्रिज और एयर-कंडीशनिंग (AC) की सुविधा होनी चाहिए, ताकि तापमान संवेदनशील दवाइयाँ (जैसे वैक्सीन और इंसुलिन) सुरक्षित रहें।
बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर चलाना अवैध है और इस पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
अनुभव (Experience in Pharmacy Business) – वैकल्पिक लेकिन महत्वपूर्ण
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए अनुभव अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर आपको दवाइयों और फार्मास्युटिकल बिजनेस की जानकारी है, तो यह आपके व्यवसाय के लिए लाभकारी होगा।
पहले किसी मेडिकल स्टोर में काम करने या किसी अनुभवी फार्मासिस्ट के साथ पार्टनरशिप करने से लाभ होगा।
कानूनी अनुपालन और दस्तावेज़ (Legal Compliance & Documents)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
- फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (State Pharmacy Council से)
- ड्रग लाइसेंस (State Drug Control Department से)
- GST रजिस्ट्रेशन (अगर सालाना टर्नओवर ₹40 लाख से अधिक हो)
- बिजनेस रजिस्ट्रेशन (MSME/Shop Act License)
- नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस
- स्टोर के मालिकाना हक या किराया समझौते के दस्तावेज़
निवेश और पूँजी (Investment & Financial Requirements)
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए न्यूनतम ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की पूंजी की जरूरत होती है, जो निम्नलिखित चीजों में खर्च होगी:
- दवाइयों का स्टॉक खरीदने के लिए
- दुकान किराए पर लेने या बनाने के लिए
- फार्मासिस्ट और स्टाफ की सैलरी देने के लिए
- फ्रिज, कंप्यूटर, बिलिंग सिस्टम और स्टोरेज यूनिट्स खरीदने के लिए
अगर आपके पास पर्याप्त पूंजी नहीं है, तो आप बैंक से बिजनेस लोन ले सकते हैं या किसी इन्वेस्टर से फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं।
मेडिकल स्टोर के प्रकार चुनना (Choosing the Type of Medical Store)
मेडिकल स्टोर खोलने से पहले आपको यह तय करना होगा कि आप कौन सा स्टोर खोलना चाहते हैं:
- Retail Pharmacy (रिटेल फार्मेसी): ग्राहक सीधे स्टोर से दवाइयाँ खरीदते हैं।
- Wholesale Pharmacy (थोक दवा विक्रेता): दवाइयाँ केवल मेडिकल स्टोर्स को बेची जाती हैं।
- Online Pharmacy (ऑनलाइन फार्मेसी): डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए दवाइयाँ बेची जाती हैं।
- Franchise Medical Store (फ्रेंचाइज़ी मेडिकल स्टोर): आप Apollo Pharmacy, MedPlus, आदि से जुड़ सकते हैं।
प्रत्येक प्रकार की फार्मेसी के लिए अलग-अलग लाइसेंस और नियम होते हैं। इसलिए, पहले सही प्रकार का चुनाव करें।
सरकारी नियम और दिशा-निर्देशों का पालन (Compliance with Government Regulations)
भारत में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत मेडिकल स्टोर संचालित किया जाता है।
सभी दवाइयों की सही बिलिंग होनी चाहिए और बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के प्रतिबंधित दवाइयाँ नहीं बेची जानी चाहिए।
नकली, एक्सपायर्ड और प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री करने पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
मेडिकल स्टोर के संचालन में सभी सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक कोर्स
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक कोर्स
अगर आप 2025 में मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएँ और फार्मेसी से जुड़े कोर्स करने की जरूरत होगी। भारत में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको D.Pharm (Diploma in Pharmacy) या B.Pharm (Bachelor of Pharmacy) जैसे कोर्स करने होंगे, या फिर किसी योग्य फार्मासिस्ट को हायर करना होगा।
डिप्लोमा इन फार्मेसी (D.Pharm) – 2 साल का कोर्स
D.Pharm (Diploma in Pharmacy) एक 2 वर्षीय कोर्स है, जिसे करने के बाद आप रिटेल और होलसेल मेडिकल स्टोर खोलने के योग्य हो जाते हैं।
इस कोर्स में फार्मास्यूटिकल साइंस, मेडिसिन कंपोजिशन, ड्रग स्टोरेज, और फार्मेसी कानूनों की पढ़ाई करवाई जाती है।
योग्यता (Eligibility):
- 10+2 (इंटरमीडिएट) साइंस स्ट्रीम से पास होना चाहिए।
- PCB (Physics, Chemistry, Biology) या PCM (Physics, Chemistry, Math) से पास होना जरूरी है।
- कुछ संस्थानों में सीधा प्रवेश (Direct Admission) मिलता है, जबकि कुछ में प्रवेश परीक्षा होती है।
कोर्स की अवधि (Duration):
- 2 साल का कोर्स जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल होते हैं।
फीस (Fees):
- सरकारी कॉलेज: ₹10,000 – ₹50,000 प्रति वर्ष
- प्राइवेट कॉलेज: ₹50,000 – ₹2 लाख प्रति वर्ष
प्रमुख विषय (Subjects Covered):
- फार्मास्यूटिक्स
- फार्माकोलॉजी
- मेडिकल केमिस्ट्री
- ह्यूमन एनाटॉमी
- ड्रग स्टोर मैनेजमेंट
- फार्मेसी कानून (Pharmacy Law)
D.Pharm करने के बाद आप मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं और ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बैचलर ऑफ फार्मेसी (B.Pharm) – 4 साल का कोर्स
B.Pharm (Bachelor of Pharmacy) एक 4 साल की डिग्री है, जो आपको मेडिकल स्टोर खोलने, फार्मासिस्ट बनने, और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में करियर बनाने की अनुमति देती है।
यह कोर्स दवाइयों के निर्माण, रिसर्च, और मेडिकल स्टोर संचालन से जुड़ी विस्तृत जानकारी देता है।
योग्यता (Eligibility):
- 12वीं (साइंस स्ट्रीम) में PCB (Physics, Chemistry, Biology) या PCM (Physics, Chemistry, Math) से पास होना जरूरी है।
- कुछ कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) होती है जैसे NEET, GPAT, MHT CET, आदि।
कोर्स की अवधि (Duration):
- 4 साल जिसमें प्रैक्टिकल और इंटर्नशिप शामिल होती है।
फीस (Fees):
- सरकारी कॉलेज: ₹20,000 – ₹1 लाख प्रति वर्ष
- प्राइवेट कॉलेज: ₹1 लाख – ₹5 लाख प्रति वर्ष
प्रमुख विषय (Subjects Covered):
- फ़ार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री
- फ़ार्माकोलॉजी
- फ़ार्माकोग्नोसी
- फार्मेसी प्रैक्टिस
- बायोटेक्नोलॉजी
B.Pharm करने के बाद आप मेडिकल स्टोर खोलने के अलावा दवा कंपनियों, अस्पतालों, और रिसर्च सेक्टर में भी काम कर सकते हैं।
मास्टर ऑफ फार्मेसी (M.Pharm) – 2 साल का कोर्स (वैकल्पिक)
M.Pharm (Master of Pharmacy) एक 2 साल का एडवांस डिग्री प्रोग्राम है, जो रिसर्च और स्पेशलाइजेशन पर फोकस करता है।
हालांकि यह मेडिकल स्टोर खोलने के लिए अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर आप फार्मास्युटिकल बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहते हैं या दवा निर्माण और रिसर्च में जाना चाहते हैं, तो यह उपयोगी हो सकता है।
योग्यता (Eligibility):
- B.Pharm डिग्री होनी चाहिए।
- कुछ कॉलेजों में GPAT (Graduate Pharmacy Aptitude Test) परीक्षा के आधार पर प्रवेश मिलता है।
M.Pharm जरूरी नहीं है, लेकिन अगर आप फार्मा बिजनेस में गहराई से जाना चाहते हैं, तो यह फायदेमंद हो सकता है।
ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स (Pharmacy-Related Online Courses)
✅ अगर आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं लेकिन फार्मेसी डिग्री नहीं है, तो आप बेसिक फार्मेसी बिजनेस कोर्स कर सकते हैं, जो मेडिकल स्टोर संचालन, दवा स्टॉक मैनेजमेंट और कस्टमर हैंडलिंग पर फोकस करते हैं।
कुछ लोकप्रिय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म:
- Coursera (Pharmacy Technician Courses)
- Udemy (Retail Pharmacy Management Courses)
- edX (Fundamentals of Pharmacy)
- AICTE & NPTEL (Indian Government Recognized Courses)
ये कोर्स आपको फार्मेसी बिजनेस का बेसिक ज्ञान देंगे, लेकिन मेडिकल स्टोर खोलने के लिए अनिवार्य योग्यता नहीं माने जाएंगे।
मेडिकल स्टोर खोलने का खर्चा
मेडिकल स्टोर खोलने के खर्चे का अनुमान कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे शहर का आकार, दुकान का आकार, स्टॉक की मात्रा, और अन्य सुविधाएं। यहां एक अनुमानित खर्चा विवरण दिया गया है जो आपको एक शुरुआती परिदृश्य प्रदान कर सकता है:
खर्च की मद | न्यूनतम | अधिकतम |
---|---|---|
दुकान का किराया | ₹10,000 | ₹50,000 |
स्टॉक | ₹2,00,000 | ₹5,00,000 |
फर्नीचर और उपकरण | ₹50,000 | ₹1,00,000 |
लाइसेंस और पंजीकरण | ₹10,000 | ₹20,000 |
विज्ञापन और मार्केटिंग | ₹5,000 | ₹10,000 |
कर्मचारियों का वेतन | ₹20,000 | ₹50,000 |
शहर के आधार पर किराया बदल सकता है। बड़े शहरों में उच्च किराया हो सकता है जबकि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कम हो सकता है।
स्टॉक की लागत आपकी दुकान के आकार और आप कितनी दवाइयां रखना चाहते हैं, इस पर निर्भर करती है।
फर्नीचर और उपकरण– इसमें रैक, फ्रिज, काउंटर, और अन्य आवश्यक फर्नीचर और उपकरण शामिल हैं।
लाइसेंस और पंजीकरण– इसमें ड्रग लाइसेंस, GST रजिस्ट्रेशन, और अन्य आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण की लागत शामिल है।
विज्ञापन और मार्केटिंग– इसमें शुरुआती विज्ञापन, मार्केटिंग और प्रचार सामग्री शामिल है।
कर्मचारियों का वेतन– कर्मचारियों की संख्या और उनके वेतन के आधार पर यह खर्चा बदल सकता है।
कुल अनुमानित खर्चा
न्यूनतम | अधिकतम |
---|---|
₹3,00,000 | ₹8,00,000 |
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmacy Council of India – PCI) के बारे में जानकारी
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक निकाय है, जिसे 1948 में फार्मेसी अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। PCI का उद्देश्य फार्मेसी शिक्षा और पेशेवर मानकों को प्रबंधित और विनियमित करना है।
PCI की भूमिकाएँ
फार्मेसी शिक्षा का विनियमन
- पाठ्यक्रमों का अनुमोदन
- संस्थानों का निरीक्षण
- फार्मेसी शिक्षकों का पंजीकरण
फार्मासिस्टों का पंजीकरण
- योग्य फार्मासिस्टों का पंजीकरण
- पंजीकरण की प्रक्रिया का प्रबंधन
पेशेवर आचार संहिता का रखरखाव
- आचार संहिता का निर्धारण
- आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना
- निरंतर शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन
वेबसाइट: PCI की वेबसाइट
चूंकि भारत में मेडिकल क्षेत्र बढ़ रहा है, इसलिए मेडिकल स्टोर खोलना एक अच्छा विकल्प है। मेडिकल स्टोर खोलने के लिए, व्यक्ति को भागीदारी, प्रोपराइटरशिप, एलएलपी या कंपनी पंजीकरण प्राप्त करना चाहिए। स्टोर के पंजीकरण के बाद, व्यक्ति को व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाने के लिए अनिवार्य रूप से अन्य लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने चाहिए, जैसे ड्रग लाइसेंस, दुकान और स्थापना लाइसेंस और फार्मेसी लाइसेंस। व्यक्ति को दवाओं और ड्रग्स की बिक्री का व्यवसाय चलाने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, सीडीएससीओ और एसडीएससीओ के नियमों और विनियमों के अनुसार स्टोर की आवश्यकताओं का भी अनुपालन करना चाहिए।
Medical Store कैसे खोलें? FAQ’s
मेडिकल स्टोर के कितने प्रकार हैं?
दो प्रमुख प्रकार के मेडिकल स्टोर हैं: खुदरा और थोक। खुदरा मेडिकल स्टोर उपभोक्ताओं को सीधे दवाएं और अन्य मेडिकल आपूर्ति बेचते हैं, जबकि थोक मेडिकल स्टोर दवाएं और अन्य मेडिकल आपूर्ति अन्य व्यवसायों, जैसे कि फार्मेसियों, अस्पतालों और क्लीनिकों को बेचते हैं।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यकताएं क्या हैं?
मेडिकल स्टोर खोलने की आवश्यकताएँ क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य आवश्यकताओं में शामिल हैं:
वैध फार्मेसी लाइसेंस
योग्य फार्मासिस्ट की उपस्थिति
स्टोर के लिए उपयुक्त स्थान
दवाओं और अन्य मेडिकल आपूर्ति के लिए पर्याप्त संग्रहण सुविधाएं
इन्वेंटरी और बिक्री की ट्रैकिंग के लिए एक सिस्टम
मेडिकल स्टोर खोलने में शामिल कदम क्या हैं?
मेडिकल स्टोर खोलने में शामिल आम चरणों में शामिल हैं:
स्थानीय समुदाय की जरूरतों की पहचान के लिए बाजार अनुसंधान करना
एक बिज़नेस प्लान विकसित करना
आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करना
स्टोर के लिए एक उपयुक्त स्थान खोजना
स्टोर का Renovating और equipping करना
योग्य कर्मचारियों की भर्ती करना
इन्वेंटरी को ऑर्डर करना
स्टोर का मार्केटिंग और प्रचार करना
मेडिकल स्टोर चलाने की चुनौतियाँ क्या हैं?
मेडिकल स्टोर चलाने की कुछ चुनौतियाँ इस प्रकार हैं:
अन्य फार्मेसियों से कम्पटीशन
विस्तृत श्रेणी की इन्वेंटरी बनाए रखने की आवश्यकता
सुनिश्चित करना कि सभी दवाएँ और मेडिकल आपूर्ति सही तरीके से संग्रहीत और संभाली जाएँ
सरकारी रेगुलेशन का अनुपालन करना