Google Crisis Information Systems (CIS) क्या है? | Google Ranking Signal Series 2
Google के Crisis Information Systems (CIS) का उद्देश्य संकट के समय में यूजर्स को मददगार और प्रासंगिक जानकारी प्रदान करना है। चाहे वह व्यक्तिगत संकट हो, जैसे आत्महत्या के विचार या नशे की लत, या फिर व्यापक संकट जैसे प्राकृतिक आपदाएं या अन्य गंभीर स्थितियां। इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य संकट के समय में सही जानकारी सही समय पर पहुँचाना है।
Crisis Information Systems (CIS) Google का एक Ranking Signal है।
Google’s Core Ranking Systems
- BERT: Bidirectional Encoder Representations from Transformers
- Crisis information systems
- Deduplication systems
- Exact match domain system
- Freshness systems
- Link analysis systems and PageRank
- Local news systems
- MUM
- Neural matching
- Original content systems
- Removal-based demotion systems
- Passage ranking system
- RankBrain
- Reliable information systems
- Reviews system
- Site diversity system
- Spam detection systems
Google Crisis Information Systems क्या है ?
Google Crisis Information Systems (CIS) एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो आपातकालीन स्थितियों में लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह Google Search के साथ एकीकृत होता है और उपयोगकर्ताओं को आपदाओं, संकटों और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी देता है।
CIS का महत्व
CIS आपातकालीन स्थितियों में लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह उन्हें आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करता है, जिससे वे सुरक्षित रह सकते हैं और संकट का सामना करने में मदद मिल सकती है। CIS का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जा सकता है:
- प्राकृतिक आपदाएं: भूकंप, बाढ़, तूफान आदि।
- मानव निर्मित आपदाएं: आतंकवादी हमले, रासायनिक दुर्घटनाएं आदि।
- व्यक्तिगत संकट: आत्महत्या, घरेलू हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य आपातकाल आदि।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट: महामारी, महामारी आदि।
CIS के माध्यम से, उपयोगकर्ता आपातकालीन स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि:
- संकट क्षेत्र: आपातकालीन स्थिति कहां हो रही है?
- सुरक्षा निर्देश: क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
- सहायता सेवाएं: कहां से मदद मिल सकती है?
- संबंधित समाचार: आपातकालीन स्थिति के बारे में क्या समाचार है?
CIS उपयोगकर्ताओं को आपातकालीन स्थितियों से निपटने में मदद करता है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम CIS के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम CIS क्या है, कैसे काम करता है, और इसके उपयोग के लाभों के बारे में जानेंगे।
Google Crisis Information Systems (CIS) कैसे रिजल्ट्स दिखता है ?
Google Crisis Information Systems (CIS) एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है, जो आपातकालीन स्थितियों में उपयोगकर्ताओं को तुरंत और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म तीन मुख्य चरणों के माध्यम से काम करता है:
1. प्रासंगिक जानकारी की पहचान और प्राथमिकता:
- सामग्री विश्लेषण: CIS विभिन्न स्रोतों से जानकारी एकत्र करता है, जैसे सरकारी एजेंसियां, समाचार संगठन, और अन्य विश्वसनीय संस्थाएं। यह जानकारी संकट के दौरान अत्यधिक प्रासंगिक होती है, जैसे आपातकालीन सेवाओं के संपर्क विवरण, सुरक्षा उपाय, और ताजे अपडेट।
- प्राथमिकता निर्धारण: CIS इस जानकारी को प्राथमिकता देने के लिए विभिन्न कारकों का उपयोग करता है। इनमें सामग्री की ताजगी (यानि कितनी नई है), स्रोत की विश्वसनीयता, और उपयोगकर्ता के वर्तमान स्थान का ध्यान रखा जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सबसे प्रासंगिक और महत्वपूर्ण जानकारी पहले प्रदर्शित हो।
2. Google Search की क्षमताओं का लाभ उठाना:
- सर्च क्वेरी विश्लेषण: CIS उपयोगकर्ताओं की सर्च क्वेरी का विश्लेषण करता है ताकि यह समझ सके कि वे क्या ढूंढ रहे हैं और उनकी क्या जरूरतें हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता ‘भूकंप के दौरान क्या करें’ सर्च करता है, तो CIS उस क्वेरी के संदर्भ को समझने के लिए गहराई से विश्लेषण करता है।
- परिणामों का प्रदर्शन: एक बार सर्च क्वेरी का विश्लेषण हो जाने के बाद, CIS Google Search के परिणामों में आपातकालीन जानकारी को प्रमुखता से दिखाता है। यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ता तुरंत और आसानी से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें।
3. वास्तविक समय के अपडेट और अलर्ट:
- स्रोतों से जुड़ाव: CIS विभिन्न सरकारी एजेंसियों, समाचार संस्थाओं, और अन्य विश्वसनीय स्रोतों से जुड़ा रहता है। यह कनेक्शन CIS को वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देता है, जो तुरंत उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाती है।
- अलर्ट प्रणाली: संकट के दौरान, CIS उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय के अलर्ट भेजता है, जैसे आपदाएं, स्वास्थ्य आपातकाल, या अन्य संकट की स्थितियां। यह जानकारी उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रहने और उचित कार्रवाई करने में मदद करती है।
- स्थान-आधारित अलर्ट: CIS उपयोगकर्ता के वर्तमान स्थान के आधार पर भी अलर्ट भेजता है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता को केवल उनके क्षेत्र से संबंधित जानकारी ही प्राप्त होती है, जो संकट के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
इन तीन चरणों के माध्यम से, Google Crisis Information Systems (CIS) उपयोगकर्ताओं को आपातकालीन स्थितियों के दौरान सुरक्षित और सूचित रहने में मदद करता है। यह प्रणाली संकट के समय में आवश्यक जानकारी तुरंत और प्रभावी ढंग से प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
CIS द्वारा कवर किए जाने वाले संकट प्रकार
Google Crisis Information Systems (CIS) विभिन्न प्रकार के संकटों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:
- प्राकृतिक आपदाएं: भूकंप, बाढ़, तूफान, सूखा, ज्वालामुखी विस्फोट आदि।
- मानव निर्मित आपदाएं: आतंकवादी हमले, रासायनिक दुर्घटनाएं, नागरिक अशांति, युद्ध आदि।
- व्यक्तिगत संकट: आत्महत्या, घरेलू हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य आपातकाल, वित्तीय संकट आदि।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट: महामारी, महामारी, जैविक हमले आदि।
CIS की विशेषताएं और लाभ
- SOS अलर्ट: CIS उपयोगकर्ताओं को आपातकालीन स्थितियों के बारे में तत्काल अलर्ट भेजता है, जैसे कि प्राकृतिक आपदाएं, आतंकवादी हमले या सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट।
- फीचर्ड स्निपेट्स: CIS उपयोगकर्ताओं को सीधे सर्च परिणामों में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि आपातकालीन संपर्क नंबर, सुरक्षा निर्देश या राहत प्रयासों के बारे में जानकारी।
- Knowledge panels: CIS आपातकालीन स्थितियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए ज्ञान पैनल का उपयोग करता है, जिसमें संबंधित समाचार, संसाधन और अन्य महत्वपूर्ण डेटा शामिल हो सकता है।
- Crisis response resources: CIS उपयोगकर्ताओं को संकट से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है, जैसे कि आपातकालीन सेवाओं के संपर्क नंबर, आश्रय स्थलों की जानकारी, वित्तीय सहायता आदि।
- Language translation: CIS कई भाषाओं में जानकारी प्रदान करता है, जिससे विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों तक पहुंच बना सकता है।
- Accessibility features: CIS सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ बनाने के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे कि उच्च विपरीतता मोड, स्क्रीन रीडर समर्थन और अन्य सहायक तकनीकें।
इन विशेषताओं के माध्यम से, CIS उपयोगकर्ताओं को आपातकालीन स्थितियों के दौरान आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करता है, जिससे वे सुरक्षित रह सकते हैं और संकट का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं।
क्राइसिस इंफॉर्मेशन सिस्टम कैसे काम करते हैं?
Google के क्राइसिस इंफॉर्मेशन सिस्टम (CIS) काफी जटिल तरीके से काम करते हैं। ये सिस्टम न केवल आपके सर्च क्वेरी को समझते हैं बल्कि आपके स्थान, समय और अन्य कारकों को भी ध्यान में रखते हुए सबसे प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने की कोशिश करते हैं।
आइए, इन बिंदुओं को और विस्तार से समझते हैं:
1. क्वेरी का अर्थ समझना:
- इरादे को समझना: Google के सिस्टम यह समझने की कोशिश करते हैं कि आप वास्तव में क्या जानना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप “भूकंप” सर्च करते हैं, तो सिस्टम यह समझता है कि आप भूकंप से संबंधित समाचार, सुरक्षा निर्देश या राहत कार्य के बारे में जानना चाहते हैं।
- संदर्भ को समझना: सिस्टम यह भी समझता है कि आप कहां से सर्च कर रहे हैं। अगर आप भारत में हैं और “भूकंप” सर्च करते हैं, तो सिस्टम आपको भारत में आए भूकंपों के बारे में जानकारी देगा।
2. सामग्री की प्रासंगिकता:
- कीवर्ड मैच: सिस्टम आपके सर्च क्वेरी में इस्तेमाल किए गए कीवर्ड्स को उस सामग्री से मिलाता है जो वे इंटरनेट पर ढूंढते हैं।
- कंटेंट की गुणवत्ता: सिस्टम यह भी देखता है कि सामग्री कितनी अच्छी है, यानी क्या यह जानकारीपूर्ण, सटीक और विश्वसनीय है।
- स्रोत की विश्वसनीयता: सिस्टम उन वेबसाइटों या संगठनों को प्राथमिकता देता है जो विश्वसनीय हैं, जैसे कि सरकार की वेबसाइटें, समाचार एजेंसियां या मान्यता प्राप्त संगठन।
3. सामग्री की ताजगी:
- नई जानकारी: चूंकि आपातकालीन स्थितियां तेजी से बदलती रहती हैं, इसलिए सिस्टम हमेशा सबसे ताज़ा जानकारी दिखाने की कोशिश करता है।
- अपडेट: सिस्टम नियमित रूप से विभिन्न स्रोतों से जानकारी अपडेट करता रहता है।
4. उपयोगकर्ता का स्थान:
- स्थान-आधारित परिणाम: सिस्टम यह समझता है कि आप कहां हैं और आपको आपके आसपास की जानकारी दिखाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप दिल्ली में हैं और “आश्रय” सर्च करते हैं, तो सिस्टम आपको दिल्ली के आसपास के आश्रयों की जानकारी देगा।
5. अन्य कारक:
- उपयोगकर्ता इतिहास: सिस्टम आपके पिछले सर्च इतिहास को भी ध्यान में रखता है ताकि आपको अधिक व्यक्तिगत परिणाम दिखा सके।
- उपकरण: आप किस उपकरण का उपयोग कर रहे हैं, यह भी एक कारक हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं, तो सिस्टम आपको मोबाइल-फ्रेंडली परिणाम दिखाएगा।
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, Google के CIS सिस्टम सबसे प्रासंगिक और उपयोगी जानकारी प्रदान करने की कोशिश करते हैं, ताकि आप आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से तैयार रह सकें।
Google Crisis Information Systems (CIS) Ke Examples
Google Crisis Information Systems (CIS) का उद्देश्य संकट की स्थितियों में उपयोगकर्ताओं को तुरंत और सटीक जानकारी प्रदान करना है। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जहां Google के CIS काम में आते हैं:
1. व्यक्तिगत संकट (Personal Crisis):
- Suicide Prevention: यदि कोई उपयोगकर्ता “suicide prevention” या “I feel like hurting myself” जैसी क्वेरी सर्च करता है, तो Google तुरंत सहायता संसाधनों को प्रदर्शित करता है। इसमें आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइंस जैसे National Suicide Prevention Lifeline या Crisis Text Line के संपर्क नंबर और वेबसाइट शामिल होते हैं। इससे संकट में फंसे व्यक्ति को तुरंत मदद मिल सकती है।
2. प्राकृतिक आपदा (Natural Disasters):
- SOS Alerts: यदि कोई तूफान, बाढ़, भूकंप, या अन्य प्राकृतिक आपदा के दौरान संबंधित जानकारी सर्च करता है, तो Google अपने SOS Alerts सक्रिय करता है। इसमें सरकारी अधिकारियों और आपदा प्रबंधन संगठनों द्वारा जारी की गई महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपातकालीन फोन नंबर, निकासी के मार्ग, आपदा की स्थिति, और सहायता केंद्रों की जानकारी शामिल होती है। Google Maps पर भी प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति दिखाई जाती है, ताकि लोग सुरक्षित मार्ग का चयन कर सकें।
3. अन्य व्यापक संकट परिस्थितियाँ (Broader Crisis Situations):
- Political Unrest or Health Crises: यदि किसी क्षेत्र में राजनैतिक अशांति या स्वास्थ्य संकट जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो Google CIS विश्वसनीय स्रोतों से ताजा और प्रासंगिक जानकारी एकत्रित करता है और उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाता है। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान, Google ने स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन्स, टीकाकरण केंद्रों की जानकारी, और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया।
4. स्थानीय संकट (Local Crises):
- Fires or Local Emergencies: यदि कोई व्यक्ति किसी क्षेत्र में आग, रासायनिक रिसाव, या अन्य स्थानीय आपातकाल के बारे में जानकारी सर्च करता है, तो Google स्थानीय आपदा प्रबंधन संगठनों की जानकारी, आग की स्थिति, निकासी आदेश, और सहायता संसाधनों को प्रदर्शित करता है।
ये उदाहरण बताते हैं कि कैसे Google Crisis Information Systems संकट की विभिन्न स्थितियों में उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण और प्रासंगिक जानकारी तक पहुँचाने में मदद करता है। इसके माध्यम से लोग समय पर सूचित हो सकते हैं और आपातकालीन स्थितियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
Google Crisis Information Systems (CIS) का SEO पर प्रभाव
CIS का SEO पर प्रभाव कैसे पड़ता है? CIS का सीधा असर तब दिखाई देता है जब कोई संकट या आपदा होती है। ऐसे समय में, Google विशेष रूप से अधिकृत स्रोतों और सरकारी वेबसाइटों को प्राथमिकता देता है। इसका मतलब है कि अगर आप ऐसी स्थिति में हैं, तो आपकी वेबसाइट के सामान्य SEO परिणाम अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकते हैं। यह प्रभाव आमतौर पर अल्पकालिक होता है, यानी संकट समाप्त होने के बाद, SEO परिणाम सामान्य हो जाते हैं।
व्यक्तिगत संकट और SEO जब लोग व्यक्तिगत संकट से जुड़ी जानकारी खोजते हैं, जैसे “आत्महत्या रोकथाम,” तो Google मुख्य रूप से ऐसी वेबसाइटों को दिखाता है जो तुरंत मदद और समर्थन प्रदान कर सकें। इसका मतलब यह है कि आपकी वेबसाइट इन प्राथमिक परिणामों के बाद दिखाई दे सकती है। लेकिन अगर आपकी साइट पर सवाल-जवाब का स्पष्ट रूप से बताया गया सेक्शन है, तो हो सकता है कि Google इसे फ़ीचर्ड स्निपेट के रूप में दिखाए। उदाहरण के लिए, यदि आप “डिप्रेशन से कैसे निपटें” जैसे प्रश्न का उत्तर देते हैं, तो आपकी वेबसाइट को अधिक प्राथमिकता मिल सकती है।
प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाएं और SEO जब कोई प्राकृतिक आपदा, जैसे भूकंप या बाढ़, होती है, तो Google पहले आधिकारिक स्रोतों की जानकारी दिखाता है। जैसे-जैसे समय बीतता है और स्थिति सामान्य होती है, Google सामान्य वेबसाइटों को भी फिर से दिखाना शुरू करता है। अगर आप स्थानीय व्यवसाय चलाते हैं और आपके इलाके में कोई आपदा आती है, तो आपके लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि आपकी वेबसाइट स्थानीय SEO के लिए अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज़ हो।
अन्य SEO प्रभाव
- सर्च वॉल्यूम: जब कोई संकट आता है, तो उससे संबंधित कीवर्ड की खोज अचानक से बढ़ जाती है। इससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफ़िक भी बढ़ सकता है, अगर वह उन कीवर्ड्स से जुड़ी हुई है।
- क्लिक-थ्रू रेट (CTR): CIS की वजह से आपके पेज पर आने वाले क्लिक की संख्या कम हो सकती है, क्योंकि लोग पहले आधिकारिक साइट्स पर ही क्लिक करेंगे।
- बाउंस रेट: अगर आपकी वेबसाइट पर लोगों को वह जानकारी नहीं मिलती जो वे ढूंढ रहे हैं, तो वे तुरंत साइट छोड़ सकते हैं। इससे आपकी वेबसाइट की बाउंस रेट बढ़ सकती है।
SEO रणनीतियाँ
- उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री: हमेशा ऐसी सामग्री बनाएँ जो लोगों के लिए उपयोगी और ताज़ा हो।
- कीवर्ड रिसर्च: उन शब्दों को पहचानें जिन्हें आपके लक्षित दर्शक खोज रहे हैं, और उनका उपयोग करें।
- ऑन-पेज SEO: सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट के सभी पेज सही तरीके से ऑप्टिमाइज़ किए गए हैं।
- ऑफ-पेज SEO: बैकलिंक और सोशल सिग्नल्स पर भी ध्यान दें।
- स्थानीय SEO: अगर आप एक स्थानीय व्यवसाय हैं, तो अपनी वेबसाइट को उस क्षेत्र के लिए भी ऑप्टिमाइज़ करें।
CIS की सीमाएं
- सामग्री की गुणवत्ता: CIS की गुणवत्ता उस सामग्री पर निर्भर करती है जो Google इंटरनेट पर खोजता है। यदि सामग्री गलत या अपूर्ण है, तो CIS भी गलत या अपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।
- भाषा की बाधाएं: CIS सभी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है, जिससे कुछ लोगों के लिए जानकारी तक पहुंचने में बाधा हो सकती है।
- इंटरनेट कनेक्शन: CIS का उपयोग करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है, जिससे यह उन क्षेत्रों में प्रभावी नहीं हो सकता जहां इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है।
CIS के भविष्य
- नई तकनीक: भविष्य में, CIS और भी अधिक उन्नत हो सकता है और नई तकनीकों का उपयोग कर सकता है।
- विस्तार: CIS का उपयोग अधिक से अधिक क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे कि अंतरिक्ष आपदाएं या जलवायु परिवर्तन।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: CIS विभिन्न देशों के साथ सहयोग कर सकता है ताकि आपातकालीन स्थितियों के दौरान वैश्विक प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष CIS SEO पर अस्थायी प्रभाव डाल सकता है, खासकर संकट या आपदा के समय। लेकिन लंबे समय में, अगर आपकी वेबसाइट पर उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री है, तो वह हमेशा अच्छा प्रदर्शन करेगी। Google Crisis Information Systems से कैसे निपटें, यह समझने के लिए Google Search Console और Google Analytics जैसे टूल्स का उपयोग करें, ताकि आप अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन को बेहतर बना सकें।
Google Crisis Information Systems FAQ’s
Google क्राइसिस इंफॉर्मेशन सिस्टम क्या होते हैं?
Google क्राइसिस इंफॉर्मेशन सिस्टम (CIS) एक तरह का खोज उपकरण है जो आपातकालीन स्थितियों या संकट के समय लोगों को सटीक और तुरंत जानकारी प्रदान करने के लिए बनाया गया है। चाहे वह कोई प्राकृतिक आपदा हो, कोई व्यक्तिगत संकट हो या कोई बड़ी सामाजिक समस्या, CIS आपको सबसे प्रासंगिक जानकारी तक पहुंचने में मदद करता है। यह सिस्टम आपके खोज शब्दों, आपके स्थान और उस समय की सबसे ताज़ा जानकारी को ध्यान में रखकर काम करता है।
Google के CIS कैसे काम करते हैं?
Google के CIS कई तरह से काम करते हैं:
आपकी खोज को समझना: जब आप कोई खोज करते हैं, तो CIS यह समझने की कोशिश करता है कि आप वास्तव में क्या जानना चाहते हैं।
सबसे प्रासंगिक जानकारी ढूंढना: फिर यह इंटरनेट पर मौजूद लाखों वेबसाइटों और डेटाबेस से सबसे प्रासंगिक जानकारी ढूंढता है।
ताज़ा जानकारी: CIS हमेशा सबसे ताज़ा जानकारी प्रदान करने की कोशिश करता है, खासकर आपातकालीन स्थितियों में।
आपका स्थान: CIS आपके स्थान को भी ध्यान में रखता है ताकि आपको आपके क्षेत्र से संबंधित जानकारी मिल सके।
उदाहरण के लिए, अगर आप “भूकंप सुरक्षा” सर्च करते हैं, तो CIS आपको आपके क्षेत्र में भूकंप के खतरे, सुरक्षा के उपाय और आपातकालीन संपर्क नंबरों के बारे में जानकारी देगा।
उपयोगकर्ता का स्थान CIS द्वारा प्रदर्शित जानकारी पर कैसे प्रभाव डालता है?
आपका स्थान CIS द्वारा प्रदर्शित जानकारी पर बहुत बड़ा प्रभाव डालता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग तरह के संकट हो सकते हैं और लोगों की जरूरतें भी अलग-अलग होती हैं।
स्थानीय जानकारी: CIS आपको आपके आसपास के क्षेत्र से संबंधित जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि आपातकालीन सेवाओं के नंबर, आश्रय स्थल, या निकासी मार्ग।
स्थानीय भाषा: CIS आपकी भाषा में जानकारी प्रदान करने की कोशिश करता है।
स्थानीय नियम: CIS आपको आपके क्षेत्र के नियमों और कानूनों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
उदाहरण के लिए: अगर आप मुंबई में रहते हैं और “बाढ़” सर्च करते हैं, तो CIS आपको मुंबई में बाढ़ के दौरान क्या करना चाहिए, कहां सुरक्षित रहें और कहां से मदद मिलेगी, इस बारे में जानकारी देगा।