केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने AI और ML-आधारित ट्रेडमार्क सर्च टेक्नोलॉजी और IP सारथी चैटबॉट का अनावरण किया
नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML)-आधारित ट्रेडमार्क सर्च टेक्नोलॉजी और IP सारथी चैटबॉट का अनावरण किया। यह पहल भारत के Intellectual Property (IP) Management System को और अधिक प्रभावी, सटीक और user friendliness बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लॉन्च के प्रमुख बिंदु
AI और ML Technology का ट्रेडमार्क सर्च और IP Management Process में समावेश एक क्रांतिकारी कदम है। उद्घाटन के दौरान, मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि ये उपकरण ट्रेडमार्क आवेदनों की प्रक्रिया को तेज करेंगे। AI-based systems, trademarks आवेदनों को तेजी से मंजूरी देने, ट्रेडमार्क विवादों को कम करने और विशेष रूप से पेटेंट आवेदनों के निस्तारण की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगी।
इसके साथ ही, IP सारथी चैटबॉट उपयोगकर्ताओं को Intellectual Property Registration Process को आसानी से समझने और पूरा करने में मदद करेगा। यह चैटबॉट स्टार्टअप्स, लघु और मध्यम उद्यमों (SMEs) और पहली बार आवेदकों के लिए 24/7 मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगा।
AI और ML-based trademark search की प्रमुख विशेषताएँ
- तेज़ ट्रेडमार्क अनुमोदन: AI और ML के उपयोग से यह तकनीक ट्रेडमार्क आवेदन प्रक्रिया को तेज बनाएगी, जिससे आवेदनों की प्रक्रिया अधिक समयबद्ध और प्रभावी तरीके से हो सकेगी।
- सटीक ट्रेडमार्क पहचान: AI प्रणाली में इस्तेमाल होने वाले Advanced Algorithms Trademark Search को और अधिक सटीक बनाएंगे, जिससे विवाद और ओवरलैपिंग आवेदनों की संभावना कम होगी।
- बेहतर सुरक्षा क्षमताएँ: यह तकनीक ट्रेडमार्क की सुरक्षा में सुधार करेगी, जिससे देशी और विदेशी दोनों व्यापारियों को मजबूत बौद्धिक संपदा सुरक्षा मिलेगी।
- वैश्विक मानक: गोयल ने आशा व्यक्त की कि इस प्रणाली के Updated versions में भारतीय भाषाओं को शामिल किया जाएगा, जिससे यह अधिक सुलभ होगा और बौद्धिक संपदा प्रबंधन प्रणालियों के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा।
Government’s commitment to innovation
पीयूष गोयल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया और देश को इस तकनीक को तेजी से अपनाने के लिए प्रेरित किया ताकि कार्यक्षमता और परिणामों में सुधार हो सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी AI उपकरणों को सभी उपयोगकर्ता इंटरफेस और विभिन्न technology equipments के साथ compatible होना चाहिए ताकि इसे बड़े पैमाने पर तेजी से अपनाया जा सके।
मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि महिला उद्यमियों द्वारा पेटेंट फाइलिंग में पिछले दशक में क्रांतिकारी वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार ने स्टार्टअप्स, MSMEs, महिला उद्यमियों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80% शुल्क में कटौती की है, ताकि Innovation and Entrepreneurship को प्रोत्साहन मिल सके।
व्यापार के लिए तकनीकी-आधारित सेवाएँ
यह लॉन्च सरकार की व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए किए गए व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। इसी सप्ताह में, सरकार ने कई अन्य तकनीकी सेवाएँ शुरू कीं, जैसे ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म, जन सुनवाई पोर्टल और स्टार्टअप्स के लिए BHASKAR प्लेटफ़ॉर्म। ये पहल व्यवसायों का समर्थन करने और innovation को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
भारत के 2047 के दृष्टिकोण के साथ तालमेल
पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन स्तंभों – बुद्धिमत्ता (Intelligence), विचार (Idea), और नवाचार (Innovation) – का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये तीन “I” भारत के युवाओं की पहचान का प्रतीक हैं, जो अपनी प्रतिभा और कौशल के लिए दुनिया भर में पहचाने जाते हैं।
गोयल ने दोहराया कि AI-आधारित उपकरणों का यह लॉन्च भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के बड़े लक्ष्य का हिस्सा है। यह केवल एक सपना नहीं है, बल्कि यह 1.4 अरब भारतीयों की collective commitment है कि वे एक Prosperous and innovative राष्ट्र का निर्माण करेंगे।
निष्कर्ष
AI-संचालित ट्रेडमार्क सर्च टेक्नोलॉजी और IP सारथी चैटबॉट का लॉन्च भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम है। ये उपकरण न केवल बौद्धिक संपदा प्रक्रिया को सरल बनाएंगे, बल्कि भारत को Intellectual Property Management में Global Leader के रूप में भी स्थापित करेंगे।
Advanced AI and ML techniques को अपनाकर, भारत अपनी IP System को और अधिक सुलभ, प्रभावी, और सुरक्षित बना रहा है। यह पहल बड़े व्यापारिक घरानों से लेकर छोटे स्टार्टअप्स तक, सभी हितधारकों को लाभान्वित करेगी और वैश्विक सहयोग को भी प्रोत्साहित करेगी।
आने वाले वर्षों में, ये तकनीकी नवाचार बौद्धिक संपदा प्रबंधन के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित कर सकते हैं, जिससे भारत की समाधानकारी क्षमता विश्व स्तर पर पहचानी जाएगी।