Google Passage Ranking System

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Google लगातार अपने सर्च एल्गोरिथ्म में बदलाव करता रहता है ताकि यूजर्स को बेहतर और सटीक परिणाम मिलें। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अपडेट है Google Passage Ranking System। यह सिस्टम वेबसाइट या ब्लॉग पोस्ट के छोटे-छोटे हिस्सों (passages) को भी रैंक करने की क्षमता रखता है, जिससे यूजर्स को अधिक सटीक और प्रासंगिक जानकारी मिल सके।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि Google Passage Ranking System क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसका SEO पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Google’s Core Ranking Systems

  1. BERT: Bidirectional Encoder Representations from Transformers
  2. Crisis information systems
  3. Deduplication systems
  4. Exact match domain system
  5. Freshness systems
  6. Link analysis systems and PageRank
  7. Local news systems
  8. MUM
  9. Neural matching
  10. Original content systems
  11. Removal-based demotion systems
  12. Passage ranking system
  13. RankBrain
  14. Reliable information systems
  15. Reviews system
  16. Site diversity system
  17. Spam detection systems

Google Passage Ranking System क्या है?

पहले Google पूरी वेबसाइट को देखकर तय करता था कि वह आपके सवाल का जवाब देगी या नहीं। लेकिन अब Google इतना स्मार्ट हो गया है कि वह पूरी वेबसाइट को देखने की बजाय, उस वेबसाइट के अलग-अलग हिस्सों या पैराग्राफ को देखकर भी आपके सवाल का जवाब ढूंढ सकता है। इसी सिस्टम को Passage Ranking System कहते हैं.

Google Passage Ranking System एक एल्गोरिथ्मिक अपग्रेड है जो किसी वेबपेज के छोटे हिस्सों या ‘पैराग्राफ’ को भी रैंक करने की सुविधा देता है। इससे पहले Google पूरे पेज की प्रासंगिकता देखता था, लेकिन अब वह पेज के भीतर मौजूद छोटे-छोटे सेक्शंस को भी विश्लेषण करता है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब आपकी वेबसाइट पर मौजूद एक लंबी ब्लॉग पोस्ट का कोई खास हिस्सा, जो किसी यूजर के सवाल का सही जवाब देता हो, गूगल के सर्च रिजल्ट में रैंक कर सकता है।

Google Passage Ranking क्यों जरूरी है?

आज के डिजिटल युग में यूजर तुरंत और सटीक जानकारी चाहता है। कई बार लंबी-चौड़ी ब्लॉग पोस्ट में वह जानकारी छिपी होती है जो यूजर ढूंढ रहा होता है, लेकिन पूरे पेज की प्रासंगिकता को देखते हुए वह जानकारी सर्च रिजल्ट में दिखाई नहीं देती।

Google Passage Ranking का मुख्य उद्देश्य है कि यूजर को वह जानकारी सीधे मिले, भले ही वह जानकारी किसी पेज के एक छोटे हिस्से में ही क्यों न हो। इससे यूजर का समय भी बचेगा और उसे सटीक जानकारी भी मिलेगी।

उदाहरण के लिए – मान लीजिए आपने Google पर सर्च किया “दिल्ली में घूमने की जगहें”। पहले, Google आपको उन वेबसाइटों को दिखाता था जिनमें दिल्ली के बारे में पूरी जानकारी होती थी। लेकिन अब, Passage Ranking System के कारण, Google आपको उन वेबसाइटों के उन हिस्सों को दिखा सकता है जिनमें सिर्फ दिल्ली में घूमने की जगहों के बारे में जानकारी दी गई है।

Google Passage Ranking कैसे काम करता है:

1. पेज के छोटे हिस्सों का विश्लेषण

पहले Google किसी पूरे पेज की प्रासंगिकता को देखता था, लेकिन Passage Ranking के साथ वह पेज के छोटे-छोटे हिस्सों को भी स्कैन करता है। पेज में मौजूद सबहेडिंग्स, पैराग्राफ, और सेक्शंस का अलग-अलग विश्लेषण करके Google यह समझता है कि कौन सा हिस्सा यूजर के सवाल के लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक है।

उदाहरण के लिए, अगर आपने एक लंबा ब्लॉग पोस्ट लिखा है जिसमें कई विषयों को कवर किया गया है, तो आपके पेज का वह खास हिस्सा रैंक हो सकता है जो यूजर के सवाल का सही जवाब देता है, भले ही पूरा पेज उस सवाल से सीधे संबंधित न हो।

2. यूजर क्वेरी का सही जवाब

Google का मुख्य उद्देश्य यूजर को उसकी क्वेरी का सबसे सटीक और त्वरित उत्तर देना है। Passage Ranking System इस बात को सुनिश्चित करता है कि यूजर को उसकी क्वेरी का सही उत्तर मिल सके, भले ही वह जवाब पेज के किसी एक हिस्से में ही क्यों न छिपा हो।

उदाहरण के तौर पर, अगर कोई यूजर “SEO tips for beginners” सर्च करता है और आपकी पोस्ट में कहीं एक छोटा सेक्शन SEO की शुरुआत के बारे में लिखा गया है, तो वह हिस्सा सर्च रिजल्ट में दिख सकता है, भले ही आपकी पूरी पोस्ट SEO के उन्नत विषयों पर हो।

3. पूरे पेज की बजाय छोटे हिस्सों की रैंकिंग

Passage Ranking System यह नहीं देखता कि पेज का बाकी हिस्सा कितना प्रासंगिक है, बल्कि वह उन छोटे हिस्सों को भी रैंक करता है जो यूजर की क्वेरी से मेल खाते हैं। इससे उन ब्लॉग्स और वेबसाइट्स को फायदा होता है जो लंबी और डिटेल्ड जानकारी प्रदान करते हैं।

4. Natural Language Processing (NLP) का उपयोग

Google Passage Ranking System में Natural Language Processing (NLP) तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह तकनीक गूगल को यह समझने में मदद करती है कि पेज के किस हिस्से में कौन-सी जानकारी दी गई है और वह जानकारी कितनी प्रासंगिक है। यह सिस्टम भाषा को बेहतर तरीके से समझने के लिए पेज के विभिन्न हिस्सों के मतलब और संदर्भ को भी समझता है।

5. पेज का संरचित डेटा (Structured Data)

Google को पेज के विभिन्न हिस्सों को सही तरीके से समझने में मदद करने के लिए सही हेडिंग टैग्स (जैसे H1, H2, H3) और पैराग्राफ का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आप अपने पेज को अच्छी तरह से संरचित करेंगे, तो Google आसानी से यह पहचान सकेगा कि कौन सा सेक्शन किस विषय से संबंधित है।

Passage Ranking के फायदे:

  • अब छोटे-छोटे पासेज भी रैंक कर सकते हैं, जिससे यूजर को उसके सवाल का सटीक जवाब मिल सकता है।
  • अगर आपने डिटेल्ड और लंबा कंटेंट लिखा है, तो उसका कोई भी खास हिस्सा सर्च रिजल्ट में ऊपर आ सकता है।
  • यूजर को उसके सवाल का सीधा और सटीक जवाब मिलने से उसका अनुभव बेहतर होता है, जिससे वह ज्यादा समय तक आपकी साइट पर रहता है।
  • Passage Ranking से उन वेबसाइट्स की ऑर्गैनिक ट्रैफिक में सुधार हो सकता है, जो विस्तार से जानकारी देती हैं और कंटेंट को अच्छी तरह से संरचित करती हैं।

Passage Ranking का SEO पर प्रभाव

Google Passage Ranking System के आने से SEO (Search Engine Optimization) की रणनीतियों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। पहले Google किसी पूरे वेबपेज को रैंक करता था, लेकिन अब वह पेज के छोटे-छोटे हिस्सों (passages) को भी रैंक करता है। इससे वेबसाइट्स को अधिक प्रासंगिकता मिलती है, खासकर उन वेबसाइट्स को जिनमें लंबा और विस्तृत कंटेंट होता है। आइए जानें कि इस बदलाव का SEO पर क्या प्रभाव पड़ता है:

लंबे और डिटेल्ड कंटेंट का महत्व बढ़ा– Passage Ranking से उन वेबसाइट्स और ब्लॉग्स को फायदा होता है, जो लंबी और डिटेल्ड जानकारी प्रदान करते हैं। अगर आपने किसी विषय को गहराई से कवर किया है और उसमें कई उपविषयों (subtopics) पर चर्चा की है, तो आपके पेज का कोई भी विशेष हिस्सा सर्च रिजल्ट में रैंक हो सकता है। इससे आपकी वेबसाइट की ऑर्गैनिक ट्रैफिक बढ़ने की संभावना है।

Specific क्वेरीज़ के लिए बेहतर रैंकिंग– Passage Ranking सिस्टम उन ब्लॉग्स और पेजेज को भी सर्च रिजल्ट में ऊपर ला सकता है, जो स्पेसिफिक क्वेरीज़ के लिए एक सटीक जवाब देते हैं। यह उन यूजर्स के लिए फायदेमंद है जो बहुत खास सवाल पूछते हैं, और उन सवालों का जवाब पेज के छोटे हिस्सों में होता है।

3. बेहतर यूजर एक्सपीरियंस– Passage Ranking से यूजर का सर्च एक्सपीरियंस बेहतर होता है। यूजर को उसके सवाल का सटीक और त्वरित जवाब मिलता है, जिससे Bounce Rate कम हो सकता है और वेबसाइट पर यूजर का समय बढ़ सकता है। यह Google की नजर में वेबसाइट की गुणवत्ता को बढ़ाता है और रैंकिंग में सुधार करता है।

4. कंटेंट स्ट्रक्चरिंग की अहमियत– अब यह जरूरी हो गया है कि कंटेंट को अच्छी तरह से स्ट्रक्चर किया जाए, ताकि Google छोटे-छोटे हिस्सों को आसानी से स्कैन कर सके। हेडिंग्स, सबहेडिंग्स, पैराग्राफ और अन्य स्ट्रक्चरल एलिमेंट्स का सही इस्तेमाल SEO के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

5. कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल– Passage Ranking में केवल पूरे पेज के लिए नहीं, बल्कि पेज के हर हिस्से के लिए कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल भी जरूरी हो गया है। इससे हर सेक्शन खुद में एक छोटा SEO यूनिट बन सकता है और स्पेसिफिक क्वेरीज़ के लिए रैंक कर सकता है।

Passage Ranking के लिए ब्लॉग को कैसे ऑप्टिमाइज़ करें?

Passage Ranking से ब्लॉग या वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए कुछ प्रमुख रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। ये तकनीकें न केवल आपके कंटेंट को बेहतर बनाएंगी, बल्कि गूगल द्वारा आपके पेज के छोटे हिस्सों को सर्च रिजल्ट में रैंक करने में मदद भी करेंगी।

1. स्ट्रक्चर्ड कंटेंट लिखें

स्ट्रक्चर्ड कंटेंट का मतलब है कि आपका ब्लॉग या लेख अच्छे से विभाजित और व्यवस्थित हो। हेडिंग्स (H1, H2, H3) और सबहेडिंग्स का इस्तेमाल करके अपने कंटेंट को स्पष्ट रूप से विभाजित करें। यह न केवल यूजर के लिए बल्कि Google के लिए भी आपके पेज को स्कैन और समझने में आसान बनाता है।

  • H1: मुख्य टॉपिक
  • H2: प्रमुख सब-टॉपिक्स
  • H3: उप-भागों और छोटी जानकारियों के लिए

2. प्रासंगिक कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल करें

Passage Ranking के लिए आपके कंटेंट के छोटे हिस्सों में भी सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल जरूरी है। हर सेक्शन में कीवर्ड्स डालें, लेकिन ध्यान रखें कि ये नेचुरल तरीके से हो। इससे उस खास सेक्शन को सर्च रिजल्ट में रैंक करने का मौका मिलता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप SEO टिप्स पर ब्लॉग लिख रहे हैं, तो “SEO for beginners,” “on-page SEO,” और “SEO strategies” जैसे टारगेटेड कीवर्ड्स को अपने विभिन्न हिस्सों में शामिल करें।

3. स्पेसिफिक सवालों का जवाब दें

आपका कंटेंट जितना ज्यादा स्पेसिफिक सवालों का जवाब देगा, उतनी ही संभावना बढ़ेगी कि आपके पेज का एक हिस्सा रैंक हो। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप यूजर्स के द्वारा पूछे जाने वाले संभावित सवालों को ध्यान में रखते हुए अपने कंटेंट को तैयार करें। FAQ (Frequently Asked Questions) सेक्शन जोड़ना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है।

4. लंबे और विस्तृत ब्लॉग लिखें

Passage Ranking से लंबे और विस्तृत कंटेंट का महत्व बढ़ गया है। लंबे ब्लॉग पोस्ट्स में कई अलग-अलग उपविषयों को कवर किया जा सकता है, जिससे पेज के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग क्वेरीज़ के लिए रैंक कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि आपका कंटेंट उपयोगी और प्रासंगिक होना चाहिए, न कि बस लंबा।

5. यूजर के इरादे (User Intent) को समझें

Passage Ranking के लिए कंटेंट लिखते समय यूजर के इरादे (Intent) को समझना बहुत जरूरी है। सोचें कि यूजर किस तरह की जानकारी ढूंढ रहा है और उसका सवाल क्या हो सकता है। फिर अपने कंटेंट में ऐसे सवालों का सटीक और स्पष्ट जवाब दें।

6. सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें

Passage Ranking के लिए कंटेंट को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा जाना चाहिए ताकि Google और यूजर दोनों आसानी से इसे समझ सकें। छोटे और आसान वाक्यों का उपयोग करें, और जटिल शब्दों से बचें। इससे आपकी साइट का हर हिस्सा स्पष्ट और प्रभावी रहेगा, जो उसे रैंकिंग के लिए उपयुक्त बनाता है।

7. स्ट्रक्चर्ड डेटा (Structured Data) लागू करें

Structured Data (schema markup) का इस्तेमाल Google को आपके पेज की संरचना को और बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। Structured Data के जरिए आप यह संकेत दे सकते हैं कि आपके पेज का कौन-सा हिस्सा किस प्रकार की जानकारी प्रदान करता है, जैसे FAQ, रिव्यू, प्रोडक्ट्स आदि।

8. विजुअल एलिमेंट्स का सही इस्तेमाल करें

इमेजेज, चार्ट्स, और ग्राफिक्स का उपयोग करके अपने कंटेंट को और अधिक इंटरैक्टिव और यूजर-फ्रेंडली बनाएं। यह न केवल UX (User Experience) को बेहतर करता है, बल्कि Google को यह भी संकेत देता है कि आपका कंटेंट उपयोगी और प्रासंगिक है।

9. रेगुलर कंटेंट अपडेट करें

गूगल को अपडेटेड कंटेंट पसंद है। इसलिए समय-समय पर अपने पुराने ब्लॉग्स और पोस्ट्स को रिव्यू करें और उन्हें अपडेट करें। नए डेटा, ट्रेंड्स और जानकारी को शामिल करें ताकि आपकी साइट हमेशा प्रासंगिक और अप-टू-डेट बनी रहे।

निष्कर्ष

Google Passage Ranking System ने SEO की दुनिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। अब पेज के छोटे-छोटे हिस्से भी सर्च रिजल्ट में रैंक कर सकते हैं, जिससे ब्लॉग्स और वेबसाइट्स को बेहतर ऑर्गैनिक ट्रैफिक प्राप्त करने का मौका मिलता है।

अगर आप Passage Ranking System का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने कंटेंट को बेहतर तरीके से स्ट्रक्चर करना होगा, कीवर्ड्स का सही इस्तेमाल करना होगा और यूजर के सवालों का सटीक जवाब देना होगा। Passage Ranking के लिए ब्लॉग को ऑप्टिमाइज़ करना, आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने और उसे और अधिक विजिबल बनाने का एक शानदार तरीका हो सकता है।

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